चुआंड़ी का दुषित पानी से प्यास बुझा रहे हैं चंदवा के परहीया टोला के आदिम जनजाति के परिवार।

झारखंड-चंदवा (लातेहार) कामता पंचायत के ग्राम चटुआग की परहीया टोला के आदिम जनजाति परिवार चुआंड़ी का दुषित पानी से अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं। परहीया टोला दसवा परहीया के घर की बगल नाला में एक चुआंड़ी बनी है इसमे छोटे छोटे किड़े साफ नजर आते हैं। इस नाले की पानी पुरी तरह से दुषित है जो पीने लायक है ही नहीं बरसात के मौसम में बाढ़ का दुषित पानी से चुआंड़ी भर जाती है। जिस चुआंड़ी से जानवर प्यास बुझाते हैं उसी चुआंड़ी के पानी से आदिम जनजाति परिवार भी प्यास बुझा रहे हैं।
दसवा परहीया के घर के बगल की नाला में बने चुआंड़ी से आधे दर्जन से अधिक परिवार दुषित पानी का सेवन कर रहे हैं। इसके अलावा परहीया टोला के अगल बगल के दर्जनों परिवार प्रमेशर गंझु,हरेवा गंझु,राजकुमार गंझु,नारायण गंझु,शनिचर गंझु, सोमा गंझु,लालु गंझु,गब्रेल मुंडा,दोंदा गंझु,भुखल गंझु।
सकिंदर गंझु,गुजु बारला,बराय भेंगरा,अनिल मुंडा,नेमा परहैया,दीना मुंडा,सुखू हेरेंज,रतिया नगेशिया,बुधराम बारला,रंगवा परहैया,मंसीद टोपनो,लालू गंझु व अन्य कई ग्रामीण चुआंड़ी,नदी नाला का दुषित पानी का सेवन कर अपनी प्यास बुझा रहे हैं।
दुषित पानी का सेवन करने वाले कई परिवार बार बार बिमार पड़ते हैं। पानी की समस्या के समाधान के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है।