झारखंड में सभी लाइसेंसधारियों को हथियार जमा करने का आदेश देना उचित नहीं है:झारखंड हाईकोर्ट।

पलामू न्यूज Live//झारखंड में लोकसभा चुनाव को देखते हुए राज्य के सभी जिलों में हथियार लाइसेंसधारियों से हथियार जमा करने के आदेश को झारखंड हाईकोर्ट ने वैध नहीं माना है। बतादें कि एक मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि इस तरह का आदेश कानून की नजर में वैध नहीं ठहराया जा सकता है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने बोकारो जिला के उपायुक्त के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसके तहत जिले के सभी लाइसेंसधारी को अपने हथियार जमा करने का निर्देश दिया था।
साथ ही हथियार जमा नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही गयी थी अदालत ने प्रार्थी के हथियार को वापस करने का निर्देश भी उपायुक्त को दिया।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि एक आदेश से भी लाइसेंसधारियों को अपने हथियार जमा करने के चुनाव आयोग का आदेश उचित नहीं है इस तरह के आदेश जारी करने में दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
हथियार धारकों को सिर्फ इसलिए हथियार जमा करने को कहा गया है क्योंकि उन्होंने हथियार रखने के लिए लाइसेंस लिया है कोर्ट ने कहा कि उपायुक्त और जिला निर्वाचन पदाधिकारी को हथियार जमा करने के पहले सभी लाइसेंसधारियों की स्क्रूटनी करनी चाहिए।
स्क्रूटनी में यदि यह पता चले कि लाइसेंस लेने वाले का पहले से आपराधिक रिकॉर्ड है और वह चुनाव में बाधा पहुंचा सकता है किसी के भी विरुद्ध कुछ भी प्रतिकूल नहीं मिलता है,यदि लाइसेंसधारी स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव और कानून-व्यवस्था के लिए खतरा पैदा नहीं कर सकते हैं तो उन्हें जमा करने का निर्देश देना आवश्यक नहीं है।
दरअसल डीवीसी कोडरमा में पदस्थापित डीजीएम रंजीत सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि बोकारो डीसी ने 27 मार्च को आदेश जारी कर सभी लाइसेंसधारियों से अपने हथियार निकट के थाना या अन्य निर्धारित स्थानों पर जमा करने का निर्देश दिया था।
प्रार्थी का कहना था कि अपनी सुरक्षा के लिए उन्होंने जिला प्रशासन से हथियार रखने के लिए लाइसेंस लिया है चुनाव के कारण डीवीसी की सुरक्षा में लगे सीआईएसएफ के जवानों की संख्या में भी कटौती कर ली गयी है उन्होंने उपायुक्त के आदेश के बाद अपने हथियार जमा कर दिए हैं। लेकिन डीसी का आदेश उचित नहीं है क्योंकि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है ऐसे में उपायुक्त का सभी लाइसेंसधारियों को हथियार जमा करने का आदेश देना उचित नहीं है।