भारत एक प्रजातंत्र देश है यहां हर कोई स्वतंत्र हैं कोई भी व्यक्ति किसी समाज किसी जात किसी धर्म का बंधुआ मजदूर नहीं है-चंदन प्रकाश सिन्हा।

पलामू-छतरपुर प्रखंड में माता शबरी कि जयंती बडे़ ही धूम-धाम से मनाई गई थी जिसमें पूर्व सांसद मनोज कुमार एवं विधायिका पुष्पा देवी के द्वारा कार्यक्रम संबोधन में कुछ बातें कही गई थी। जो बातें हजम नहीं हो रही है और उस बयान को झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य बीस सूत्री उपाध्यक्ष चन्दन प्रकाश सिन्हा ने पूर्णत: राजनीति से प्रेरित एवं आगामी चुनाव में फायदे के लिए जातीय भावनाओं को उकसाया देने वाला बताया है। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि माता शबरी के जयंती मनाया जाना पूरे छतरपुर के लिए ही नही पुरे देश के लिए गर्व की बात है और ऐसे लोगों का जयंती देश के हरेक कोने में मनाया जाना चाहिए ताकि लोगों को प्रेरणा मिले ऐसे में इस आयोजन को कोई भी व्यक्ति इसे राजनीतिक से प्रेरित कैसे कह सकता है।

भक्त एवं भगवान के बीच किसी तरह के भेदभाव का बंधन नहीं है।

माता शबरी किसी जाति विशेष के लिए नहीं बल्कि वैसे तमाम लोगो के लिए जो ईश्वर में आस्था रखते हैं के लिए आदर्श हैं। माता शबरी यह साबित कर दिया है कि यदि सच्चे मन से ईश्वर की आराधना की जाए तो किसी भी परिस्थिति में उन्हें प्राप्त किया जा सकता है। भक्त एवं भगवान के बीच किसी तरह के भेदभाव का बंधन नहीं है और ऐसे आदर्श महिला को किसी जाति विशेष से जोड़कर बताना दुर्भाग्यपूर्ण है जो समाज को दिग्भ्रमित करना है।

पूर्व सांसद एवं विधायक जी भुईयां समाज के लिए क्या किए हैं।

मनोज कुमार एवं पुष्पा देवी वास्तव में भुइंया समाज के हित चाहते हैं तो उन्हें यह बताना चाहिए था कि जीन भुइंया समाज के बदौलत मनोज कुमार विधायक एवं सांसद रह चुके हैं। उनकी पत्नी पुष्पा देवी वर्तमान में विधायक हैं दोनों ने मिलकर भुइंया समाज के लिए क्या-क्या किए हैं। इन के हित में विधानसभा एवं लोकसभा में कितनी आवाजें उठाई गई है। इनके बीच शिक्षा के लिए क्या पहल किया गया है एवं कितने लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। लेकिन दुर्भाग्य की बात तो ये है कि जिस उम्मीद के साथ भुइंया समाज के लोगों ने एकजुट होकर मनोज कुमार को सांसद बनाया था उन्हें लोकसभा में प्रश्न पूछने के एवज में पैसा लेते हुए पकड़ा जाना पूरे पलामू वासियों के लिए ही नही पूरे देश के पटल पर शर्मसार कर देने वाली घटना है।

भारत एक प्रजातांत्रिक देश है यहां हर कोई स्वतंत्र हैं।

खासकर भुइंया समाज के विश्वास को देश के दलालों के हाथ बेचने वाला है जिसे यह समाज कभी भुला नहीं सकता ऐसे व्यक्ति से भुइंया समाज भलाई की क्या कामना की जा सकती है। यह सभी को पता है और इसी का नतीजा है कि इसी समाज से कुछ लोग मनोज कुमार के खिलाफ खड़ा हो रहे हैं तो इनके पेट में दर्द हो रहा है जाति के आधार पर राजनीतिक पर खतरा महसूस कर रहे हैं। उनके खिलाफ बोलने वाले लोगों को जयचंद कह रहे हैं जबकि भारत एक प्रजातांत्रिक देश है यहां हर कोई स्वतंत्र हैं कोई भी व्यक्ति किसी समाज किसी जात किसी धर्म का बंधुआ मजदूर नहीं है। यह मनोज कुमार को याद रखना चाहिए और देश के विकास के लिए जातीय बंधनों से अलग हटकर काम करना ही श्रेष्ठ होता है।

पलामू न्यूज Live

“छतरपुर से मनोहर यादव का रिपोर्ट”

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