सुप्रीम कोर्ट के आदेश पत्रकारों को सही और सच खबर लिखने से रोका नहीं जाएगा।

नई दिल्ली-पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर देश के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डी.वाई चंद्रचूड़ ने एक फैसले में उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता द्वारा पत्रकार को सरकार के खिलाफ भविष्य में न लिखने की शर्त पर जमानत देने का अनुरोध किया था। जिस पर न्यायमूर्ति ने पत्रकारो को कुछ कहने या लिखने से नहीं रोकने की व्यवस्था देते हुए कहा कि यह बिल्कुल वैसा होगा कि हम एक वकील से यह कहें कि आपको बहस नहीं करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया गया है साथ ही सर्वोच्च न्यायालय को इस फैसले पर देश के विभिन्न पत्रकार संगठनों की तरफ से धन्यवाद दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति ने कहा कि पत्रकार देश का चौथा स्तंभ माना जाता है और वह हमेशा देश को मजबूत करने और स्वस्थ समाज की परिकल्पना की आवाज को अपनी लेखनी से उजागर करता है।
इसलिए उसके स्वस्थ लेखन पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक ना लगाकर देश के प्रशासनिक अधिकारियों को एक बड़ा संदेश दिया है।