आस्तीन का सांप निकला कुणाल का हत्यारा,डॉन कुणाल को हत्या कराने में करीब 60 लाख रुपये खर्च हुए हैं।

पलामू-मेदिनीनगर राज्य भर में चर्चित डॉन कुणाल सिंह हत्याकांड का पुलिस ने अनुसंधान पूरा कर लिया है हत्याकांड मामले में पुलिस ने 16 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में अंतिम चार्जशीट दाखिल किया है अब हत्याकांड का कोर्ट में ट्रायल शुरू होगा। डॉन कुणाल हत्याकांड में पुलिस ने 790 दिनों तक अनुसंधान किया और करीब 260 पेज में रिपोर्ट तैयार किया है। टाउन इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी अरुण कुमार महथा ने बताया कि कुणाल हत्या कांड मामले का कोर्ट में अंतिम चार्जशीट जमा कर दिया गया है। डॉन कुणाल सिंह की तीन जून 2020 को मेदिनीनगर टाउन थाना क्षेत्र के अघोर आश्रम के पास फिल्मी स्टाइल में हत्या कर दी गई थी हत्या का आरोप कुख्यात गैंगस्टर गौतम कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह पर लगा था।
किन किन के खिलाफ पुलिस ने दाखिल किया है अंतिम चार्जशीट।
गौतम कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह,अभिषेक कुमार सिंह उर्फ छोटा डब्लू सिंह,विजय शर्मा,अमरेश मेहता,अन्नू विश्वकर्मा,स्वेतकेतु उर्फ चंगु,ऋषि उपाध्याय,फंटूश वर्मा, छोटु सिंह,गौरव सिंह,अमन सिंह,शक्ति सिंह,राकेश सिंह, राजू तिर्की,लव सिंह,कुश सिंह पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के बयान के आधार पर कई नामों पर अनुसंधान किया था,मगर उनका नाम हत्याकांड से जुड़ नहीं पाया, इस हत्याकांड में दोनों डब्लू सिंह फरार है जबकि स्वेतकेतु उर्फ चंगु की बिहार में हत्या हो चुकी है।
तीन मिनट में फिल्मी स्टाइल में पूरे घटना को दिया गया था अंजाम।
पुलिसिया अनुसंधान में यह बात निकलकर सामने आई है कि कुणाल सिंह हत्याकांड को तीन मिनट के अंदर फिल्मी स्टाइल में अंजाम दे दिया गया था,पुलिस के अनुसंधान में इस बात का जिक्र है कि अमरेश मेहता ने सफारी से कुणाल सिंह के कार को टक्कर मारी थी,उसके बाद अन्नू विश्वकर्मा और विजय शर्मा ने कुणाल को कार के अंदर नजदीक से गोली मारी थी,कुणाल के गाड़ी पर दोनों तरफ से फायरिंग की गई थी,एक दर्जन राउंड के करीब कुणाल सिंह के गाड़ी पर फायरिंग हुई थी जिसमें से तीन गोली कुणाल सिंह को लगी थी।
डॉन कुणाल हत्याकांड को अंजाम देने में करीब 60 लाख रुपये खर्च हुए हैं।
पुलिस अनुसंधान रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि कौन से शूटर को कितना पैसा दिया गया है और पूरी साजिश में किसने कितने पैसे खर्च किए हैं पुलिस के अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि 25-26 अप्रैल 2020 को सभी आरोपियों ने आपस में मिलने का फैसला किया था,सभी 27 अप्रैल 2020 को शांतिपुरी के मैदान में जमा हुए थे। उसी दिन हत्या का फैसला हुआ कि किस तरह कुणाल सिंह की हत्या की जानी है कुणाल के करीबी फंटूश ने डब्लू सिंह को बताया था कि कुणाल उसकी हत्या करना चाहता है उसके बाद डब्लू सिंह पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है। पुलिस के अनुसार कुणाल की हत्या के लिए स्पेशल सफारी खरीदी गई थी,इसके लिए दो लाख रुपये उपलब्ध करवाए गए थे,पुलिस के अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि विजय शर्मा और अन्नू विश्वकर्मा ने कुणाल के बारे में मत्वपूर्ण जानकारी ली और घर के आस पास चंगु और फंटूश टोह ले रहे थे। हत्या से करीब 15 दिन पहले सभी आपस मे मिले और उसी दिन तय हुआ कब और कैसे घटना को अंजाम देना है 03 जून को कुणाल सिंह की हत्या हुई थी पुलिस के अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि कुणाल का करीबी रहा राकेश वर्मा उर्फ फंटूश डब्लू सिंह गिरोह का भी करीबी था वही फंटूश ने ही डब्लू सिंह गिरोह को कुणाल के खिलाफ भड़काया था।