पलामू पंचायत परामर्श यात्रा के तहत रेहला में हुई नियोजन नीति के खिलाफ़ बैठक

रेहला पलामू-झारखंड सरकार के नियोजन नीति में यहां के स्थानीय भाषा को शामिल नहीं करने के विरोध में पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी के द्वारा लोगों को संगठित करने के लिए शुरू की गई पंचायत परामर्श यात्रा के तहत रविवार को रेहला बीमोड के समीप तिवारी मैरिज हॉल में वैचारिक गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी में कई राजनैतिक दल के नेता और कार्यकर्ता शामिल होकर अपना- अपना विचार देते हुए इस लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाने के लिए युवाओं को संगठित करने की जरूरत बताई। गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि इस मुद्दे को लेकर वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर सारी बातों को अवगत कराया था तब सीएम ने उनसे इसमें सुधार कराने की बातें कही थी लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि मैं सरकार के समर्थन में हूं लेकिन इस नियोजन नीति से असहमत हूं।
क्योंकि यहां के युवाओं के भविष्य से जुड़ी हुई ये बात है मगही, अंगिका, भोजपुरी मैथली और हिंदी को नियोजन नीति में शामिल नहीं करने से यहां के बेजरोजगार युवकों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है ऐसी स्थिति में चुप रहना कहीं से न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा कि उक्त यात्रा के तहत वे गांव गांव तक जाकर लोगों को जागृत कर इस मसले को लेकर पुनः एक बार सीएम से मिलकर शामिल करने का अनुरोध करेंगे अगर बातें नहीं बनी तो पुनः इस मसले को लेकर आंदोलन तेज करेंगे।
गोष्ठी में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विजय चौबे, अमृत शुक्ल,निवर्तमान जिला पार्षद विजय रविदास , सेवानिवृत्त शिक्षक भृगु नाथ सिंह, ने भी अपना विचार व्यक्त करते हुए इसका पूर्ण समर्थन करते हुए लड़ाई तेज करने की बात कही उन्होंने कहा कि अगर अभी इसके विरुद्ध लड़ाई नहीं हुई तो आने वाले पीढ़ी को इसका खामियाजा भुगतना होगा। गोष्ठी में बीरेंद्र चौबे उर्फ गामा चौबे, रामचंद्र दीक्षित, बबलू चौबे, रिंकु सिंह,डब्ल्यू चौबे, विष्णुकांत पाठक समेत कई लोग उपस्थित थे।