भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के द्वारा 20 सूत्री मांगों को लेकर रांची शहीद मैदान से लेकर झारखंड विधानसभा के गेट तक मार्च किया गया।

पलामू न्यूज Live//झारखंड कि राजधानी रांची में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के द्वारा सोमवार को 20 सूत्री मांगों को लेकर शहीद मैदान से लेकर झारखंड विधानसभा के गेट तक मार्च किया गया। मार्च का नेतृत्व राज्य सचिव महेंद्र पाठक, पलामू जिला सचिव रुचिर कुमार तिवारी, गढ़वा के नेता गणेश सिंह, अभय कुमार भुईयां, उमेश सिंह चेरो, करीमन पासवान आदि ने किया। मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय सचिव डी राजा मौजूद थे। मौके पर भाकपा जिला सचिव रुचिर कुमार तिवारी ने कहा कि झारखंड बने हुए आज 25 वर्ष हो गया परंतु अभी तक झारखंड वासियों के हित में स्थानीय नियोजन नीति नहीं बना है।
झारखंड विधानसभा के अंदर संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी एवं जसपाल सिंह मुंडा का प्रतिमा स्थापित नहीं किया गया।
वहीं झारखंड में घर बनाने के लिए बिहार से बालू आ रहा है परंतु झारखंड का बालू चीनी के भाव हो गया है।
रघुवर सरकार के द्वारा बंद किया गया 5000 सरकारी स्कूलों को अभी तक चालू नहीं किया गया खेतों में सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है।
वहीं झारखंड में बेरोजगारों की लंबी फौज खड़ी है इस दिशा में कोई ध्यान नहीं है लाखों नौकरियों की बहाली रिक्त पड़ी है। परंतु इस ओर कोई ध्यान नहीं है शासन प्रशासन केवल झारखंड के खनिज संपदाओं को अडानी और अंबानी के हाथों लूटने में मशगूल है।
झारखंड के खनिज संपदाओं पर बाहरी पूंजी पत्तियों का कब्जा बढ़ते जा रहा है और झारखंड वासी आदिवासी मूल वासियों को दो वक्त का रोटी भी नसीब नहीं हो रहा है।
झारखंड सरकार सहित पलामू जिला के ही वित्त मंत्री पलामू के समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं है जबकि पलामू जिला को उप राजधानी बनाने की बात पिछले बार ही हेमंत सरकार ने की थी।
इस विधानसभा मार्च के माध्यम से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी झारखंड सरकार को आगाह कर रही है कि हमारी 20 सूत्री मांगों पर सुनवाई कर उसको लागू किया जाए।
अन्यथा अबकी बार झारखंड विधानसभा मार्च नहीं बल्कि झारखंड विधानसभा के समीप अनिश्चितकालीन हजारों की संख्या में धरना दिया जाएगा।
इस मार्च में प्रभु कुमार साव, निरंजन कमलापुरी, फेकन उरांव, कामेश्वर सिंह ,राजेंद्र बैठा, लखन राम, विनोद भूइंया, मोइनुद्दीन अंसारी, नसीम राइन ,सोनू अहमद, मुनेश चौधरी, सहित हजारों लोग सामिल रहे।