भारत में CAA कानून लागू होने के बाद क्यों डरें हैं भारतीय मुस्लिम व देश वासियों।

पलामू न्यूज Live//भारत देश के राजधानी नई दिल्ली संसद में पारित होने के पांच साल बाद केंद्र ने 11 फरवरी को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू कर दिया। यह अधिसूचना भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले आई है। आइए समझिए नागरिकता संशोधन कानून से जुड़ी पूरी बातें। जम्मू कश्मीर और तीन तलाक पर सरकार के लिए किए गए फैसले के बाद से देश की अपेक्षाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से और भी बढ़ गई है। ऐसे में लोगों के जेहन में यह सवाल पिछले काफी वक्त से था कि तीन तलाक और अनुच्छेद 370 के बाद मोदी सरकार नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अधिसूचना आखिर कब जारी करेगी। 75 साल पहले पाकिस्तान को अपना मुल्क चुनने वाले लोग भारत को अपना मुकद्दर चुनने के बराबर हो जाएंगे। घुसपैठियों को देश से बाहर करने की बात मोदी सरकार द्वारा समय-समय पर की भी जाती रही है। इस दिशा में सबसे पहले असम में NRC यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस पर काम हुआ वर्तमान में नागरिकता संशोधन विधेयक को भी इसी कवायद का हिस्सा माना गया है। भारत के संसद में पारित होने के 5 साल बाद केंद्र ने 11 फरवरी 2024 को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA ) लागू कर दिया यह अधिसूचना भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव वर्ष 2024 की तारीखों की घोषणा से पहले आई है।

क्या है भारत के नागरिकता संशोधन विधेयक।

नागरिकता संशोधन कानून 1955 में हुए संशोधन का प्रस्ताव है इस संशोधन के माध्यम से पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के 6 धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को नागरिकता का प्रावधान है जो पलायन करके भारत आए हैं। इनमें हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई और पारसी लोग शामिल हैं नागरिकता संशोधन कानून किसी एक राज्य नहीं बल्कि पूरे देश में शरणार्थियों पर लागू हो गया है। इसमें भारत में उनके निवास के समय को 12 वर्ष की बजाय छः वर्ष करने का प्रावधान है यानी अब ये शरणार्थी 6 साल बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।

CAA के तहत कैसे दी जाएगी नागरिकता।

भारत के गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आवेदकों को वह वर्ष बताना होगा जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। एक अधिकारी ने कहा, आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। नागरिकता से जुड़े जितने भी ऐसे मामले पेंडिंग हैं वे सब ऑनलाइन कन्वर्ट किए जाएंगे पात्र विस्थापितों को सिर्फ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

किन बातों को लेकर विवाद है।

नागरिकता संशोधन विधेयक जिसके बारे में विवाद ये है कि इसे मुस्लिम विरोधी बताया जा रहा है और कहा जा रहा है कि घुसपैठियों को लेकर धर्म के आधार पर अंतर किया जा रहा है। इस पर सरकार का मानना है कि गैर मुस्लिम धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आए इन्हें नागरिकता मिलनी चाहिए।

क्या भारत में मुस्लिमों की नागरिकता छीन ली जाएगी।

सरकार ने साफ किया है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) में किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। अमित शाह ने कहा था कि 70 साल से जो शरणार्थी यहां पर आकर बसे हैं जिनके मन में दर्द है कि हम वहां से शरणार्थी बनकर आए और आज हमारी नागरिकता नहीं है। 70 साल से वो अवैध तरीके से रहे हैं उन्हें सिटिजनशिप अमेडमेंट एक्ट को पहले ही कैबिनेट में लागू कर सभी को नागरिकता दी जाएगी। अमित शाह ने एक चुनावी सभा में भी कहा था कि सीएए के खिलाफ हमारे मुस्लिम भाइयों को गुमराह किया जा रहा है और भड़काया जा रहा है। सीएए केवल उन लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए हैं यह किसी की भारतीय नागरिकता छीनने के लिए नहीं है।

पलामू न्यूज Live

“ब्यूरो रिपोर्ट पलामू न्यूज Live”

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