राज्यपाल के आगमन पर नहीं हुआ प्रशासनिक भवन का उद्घाटन,फिलहाल किराये पर ही चलेगा-आजसू।

पलामू-मेदिनीनगर दिनांक 14 अक्टूबर दिन शुक्रवार को नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय ने अपना द्वित्य दीक्षांत समारोह मनाया। जिसमे झारखंड राज्य के महामहिम राज्यपाल महोदय रमेश बैस का आगमन हुआ। जिन छात्रों का यह विश्वविद्यालय है उन छात्रों को भी ना आमंत्रित करना जबकि सारी की सारी कुर्सियां खाली पड़ी थी। यह एक तरह का छल है जो की विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के साथ कर रहा है। विश्वविद्यालय की कमियां विश्वविधालय में भ्रष्टाचार उजागर ना हो जाये इस बात से डरता है विश्वविद्यालय प्रसाशन।
राज्यपाल ने कहा मुस्कुरा नहीं रहे हैं एक भी छात्र-छात्राएं।
नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रमेश बैस ने जैसे ही अपने उदभेदन के दौरान ये कहा कि आज डिग्री एवं गोल्ड मेडल लेने वाले छात्र एवं छात्राएं खुश नहीं दिख रहे थे। उनकी चेहरे पर मुस्कुराहट भी नहीं दिख रही थी। उन्होंने जैसे ही ये बात कही कि करीब 20 सेकंड के लिए पूरे कार्यक्रम स्थल पर सन्नाटा छा गया। लेकिन फिर तालियों की गड़गड़ाहट ने उस सन्नाटे को तोड़ा यहां राज्यपाल ने नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय की स्मारिका का विमोचन भी किया। अपने सम्बोधन में कुलाधिपति ने भी इसकी पुष्टि करदी उन्होंने भी कह दिया की एक भी गोल्ड मैडल लेने वाले छात्र छात्राओं को उन्होंने खुश नहीं पाया। क्या कुलपति महोदय ने खुश होने से मना किया है जबकि असली सच्चाई तो यह है की कुलपति चाहते ही नहीं की यहां के छात्र खुश हो यह दीक्षांत समारोह भी बस एक ढोंग था। अपने सम्बोधन में कुलपति ने बहुत सी बाते कही जिनका नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय में कोई मतलब नहीं है। सच्चाई और विरोध के डर से रात को ही कई छात्र नेताओ एवं छात्रों को उनके घर से नजरबंद करवा लिया जाता है। किसी को चैनपुर किसी को छतरपुर में रखवा दिया जाता है भय बस एक बात की थी की कही जो चकाचौंध विश्वविद्यालय द्वारा बनाकर दिखाने की कोशिश थी वो नाकाम न हो जाये। आजसू छात्र नेता अभिषेक राज ने कहा की छात्रों एवं छात्र नेताओ की असंवैधानिक तरीके से गिरफ्तारी की हम घोर निंदा करते है। नीलाम्बर पीताम्बर विश्वविद्यालय आज अपना द्वित्य दीक्षांत समारोह मना रहा है यह एक खुसी का पल था विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं के लिए मगर खाली कुर्सियों के बिच कार्यक्रम करवाकर विश्वविद्यालय का असली चेहरा बेनकाब हो गया।
नहीं हुआ प्रशासनिक भवन का उद्घाटन,फिलहाल किराये पर ही चलेगा।
नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय ने आज दीक्षांत समारोह में तकरीबन 69 लाख रूपए खर्च कर दिए। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण दीक्षांत समारोह के अलावा नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के नयेे प्रशासनकि भवन का उद्घाटन होना था। लेकिन आखिरी समय में विश्वविद्यालय प्रबंधक ने करोड़ों रूपए की लागत से तैयार नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन का उद्घाटन कार्यक्रम रद्द कर दिया। बतातें चलें कि नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय का प्रशासनिक भवन तकरीबन 12 वर्षों से जिला परिषद के भवन में चल रहा है। जिसका किराया बतौर एक लाख रूपए हर माह नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय प्रबंधक जिला परिषद को करता है। जबकि राज्यपाल के आगमन से पूर्व भी नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के कुलपति बार बार प्रशासनिक भवन का उदघाटन की बात कर रहे थे। लेकिन आखिरी समय में प्रशासनिक भवन का उद्घाटन ही नहीं होना कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
दीक्षांत समारोह में दिखी कई खामियां।
नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कई खामियां साफ नजर आई महामहिम राज्यपाल मंचासीन थे। उसी वक्त छात्राओं को मंच पर राज्यपाल के हाथों गोल्ड मेडल और डिग्री दिलाने के लिए बुलाया जा रहा था। लेकिन तातम का अभाव साफ दिख रहा था मंच पर ही दो नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के पदाधिकारी नाम पुकार रहे थे लेकिन एक दूसरे के साथ तालमेल का घोर अभाव दिख रहा था। आयोजन की जो तैयारी होनी चाहिए थी वो पहले से कमजोर थी हालांकि कई दिनों तक इसके लिए रिहर्सल भी किया गया था। यहां एक बात और बतातें चलें कि नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय की कार्यशैली से कई छात्र संगठन खासे नाराज हैं। वे लगातार विश्वविद्यालय प्रबंधन पर अकर्मण्यता का आरोप लगाते रहे हैं। एक छात्र तो मैडम के नाम लेते वक्त नाखुश दिखा उसने अपने पॉकेट से एक लेटर निकाला और निकालकर राज्यपाल के हाथ में शोप दिया पालनी भी उस लेटर को अपने समक्ष रख लिया। वहीं आज भी गोल्ड मेडलिस्ट के नाम पुकाने में दो पदाधिकारी आपस में काना फुसी करते रहे लेकिन माइक की अवाज पूरे समारोह स्थल पर सुनाई पड़ रही थी। उस आवाज को सुनने के बाद स्पष्ट लग रहा था कि नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय में ये काम करने वाले अधिकारी कितने गंभीर हैं।
पलामू मे पहली बार पत्रकारों को मंच से बहुत पीछे बैठाया गया।
दीक्षांत स्थल पर मीडिया गैलरी का निर्माण भी किया गया था लेकिन मीडिया के लोगों को इतना पीछे बैठाया गया था कि उन्हें भी मंच साफ नहीं दिख रहा था। ऐसा पहली बार देखा गया कि पत्रकारों को मंच से बहुत पीछे बैठाया गया जबकि आमतौर पर सभी कार्यक्रमों में पत्रकारों के लिए आगे या बगल में ऐसी जगह दी जाती है यहां से स्टेज साफ दिख सके इसमें भी घोर लापरवाही देखी गई। यहां तक कि कुछ पत्रकारों को एंट्री गेट पर रोक दिया गया उन्हें अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था कारण की उनके कैमरे का बैग काला था। काला कलर कपड़ा अंदर ले जाने की अनुमति नहीं थी अब यह बात सुरक्षाकर्मियों को कौन समझाए कि पत्रकार यहां न्यूज़ कवरेज के लिए आए हुए हैं। ना की विधि व्यवस्था खराब करने या किसी को काला कपड़ा दिखाने ऐसे में वरीय पदाधिकारी को कॉल कर पत्रकारों ने अंदर जाने की अनुमति ली। हालांकि साउंड की व्यवस्था अच्छी थी तो राज्यपाल के अभिभाषण सुनाई पड़ रहे थे।
राज्यपाल के इस दौरे मे आम नागरिकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
पलामू मेदिनीनगर के रेड़मा चौक से लेकर कचहरी चौक तक घंटो ट्रैफिक जाम रहा। कारण कि राज्यपाल को रेडमा चौक होते हुए रांची रोड निकलना था जिस वजह से रेडमा चौक पर ही ट्रैफिक को रोक दिया गया था। इस दौरान ओवरब्रिज पर एक सायरन बजाता एंबुलेंस ट्रैफिक मे फसा रहा शहर थाना के पुलिस कर्मियों ने जैसे तैसे करके एंबुलेंस को ट्रैफिक से निकाला।