पलामू में लगातार अपराधियों के द्वारा एक से बढ़कर एक घटनाओं का अंजान दिया जा रहा है इसका जिम्मेवार कौन है : झारखंड क्रांति मंच।

पलामू न्यूज Live//पलामू जिले के नावाबाजार प्रखण्ड के रबदा स्थित अपने आवास पर झारखंड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद पलामू जिले में गिरती विधि-व्यवस्था के लिए पुलिस व सामान्य प्रशासन के अकर्मण्य पदाधिकारी जिम्मेदार हैं जिनके खिलाफ चुनाव आयोग को शीघ्र संज्ञान लेना चाहिए। प्रेस को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पंडवा ग्रामींण बैंक में दिनदहाड़े 5 लाख 50 हजार रुपए की दिन दहाडे़ लूट, पुलिस की लापरवाही से उताकी पंचायत के वार्ड सदस्य श्री उपेन्द्र पाण्डेय की बालू लदे ट्रैक्टर की चपेट में आने से दुखद मौत, तेतराईं पंचायत के मुखिया श्री राजेन्द्र पाण्डेय पर अपराधियों द्वारा गोली चालन।
पाटन खरौंधा में अदालत में विचाराधीन हमीद मियां व अन्य मुस्लिम समाज के जमीन पर पुलिस के साथ मिलकर उन्हें भयाक्रांत करते हुए दबावपूर्वक रोड बनवाने का प्रयास कर दंगा कराने की साज़िश समेत नित्यप्रति जघन्य अपराध की बढ़ती घटनाओं से पलामू में निष्पक्ष व भयमुक्त चुनाव असंभव हो गया है।
आगे प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए श्री सत्रु ने कहा है कि जब समाजिक कार्यकर्ता श्री विनोद कुमार को बसपा में शामिल होने के मिलन समारोह की विधिवत व लिखित सूचना मेदिनीनगर के सदर एसडीओ श्री अनुराग तिवारी जी के कार्यालय को समय रहते दी गई थी।
फिर लेस्लीगंज थाना में पुलिस द्वारा बसपा के 10 नेताओं व अज्ञात पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की प्राथमिकी क्यों दर्ज की गई, क्या ऐसे अक्षम व पूर्वाग्रह से प्रेरित सदर एसडीओ श्री अनुराग तिवारी को निर्वाचन कार्य से शीघ्र हटाने की कार्रवाई चुनाव आयोग को नहीं करनी चाहिए।
वार्ता के अंत में उन्होंने कहा है कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के लिए भारतीय जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धाराओं में ना केवल राजनीतिक दलों व प्रत्याशियों के लिए केवल दण्ड का प्रावधान है।
बल्कि निर्वाचन कार्य से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा आदर्श आचार संहिता उल्लंघन कर वोट प्रभावित करने की स्थिति में उनके लिए भी दो साल या उससे ज्यादा दण्ड का प्रावधान किया गया है।
पलामू में पूर्वाग्रह से प्रेरित ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों को चिन्हित कर सप्रमाण अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा।