झारखंड सरकार ने कोर्ट फीस में बेतहाशा वृद्धि की है,जिससे आज एक भी मामला का नहीं हुई सुनवाई अधिवक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन।

पलामू-मेदिनीनगर कोर्ट फीस बढ़ोतरी को लेकर जिले के सभी अधिवक्ताओं ने किया कड़ा विरोध पीडीजे व उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन। मेदिनीनगर झारखंड स्टेट बार काउंसिल के दिशा निर्देश पर सोमवार को पलामू जिले के अधिवक्ताओ ने बढ़े हुए कोर्ट फीस के विरोध में न्यायिक कार्य से अलग रहे। कोर्ट फीस (झारखंड संशोधन)अधिनियम 2021 के विरोध मेंअधिवक्ता गण न्यायिक कार्य से अलग रहे। सैकड़ो अधिवक्ता न्यायिक कार्य से अलग रहकर कोर्ट फीस अधिनियम 2021 का विरोध जताया। साथ ही अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों ने पलामू के प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार चौबे व प्रभारी उपायुक्त मेघा भारद्वाज को एक ज्ञापन सौंपा। बतादें कि झारखंड सरकार द्वारा कोर्ट फीस में बेतहासा बृद्धि किया गया है,इससे गरीबो को मुकदमा लड़ना मुश्किल हो गया है। अधिवक्ताओं को न्यायिक कार्य से अपने को अलग रखने के कारण जिले में दो हजार से अधिक मामले की सुनवाई नहीं हो सकी।
न्यायिक पदाधिकारी तो न्यायालय कक्ष में बैठे परंतु कोई भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य मे भाग नहीं लिए। इस कारण जमानत,अग्रिम जमानत,बयान,गवाही,चार्ज आदि के काम नहीं हो सका। जिले के सभी न्यायिक पदाधिकारी के अलावे कमिश्नर,उपायुक्त,अपर समाहर्ता,उप समाहर्ता ,बंदोबस्त पदाधिकारी,अनुमंडल अधिकारी,कार्यपालक दंडाधिकारी आदि के कोट में अधिवक्ता की ओर से पैरवी नहीं की गई। इस कारण मुवक्किल को बिना काम कराए घर वापस जाना पड़ा सैकड़ों की संख्या में भीड़भाड़ वाले कचहरी परिसर सुनसान रहा।
इस संबंध में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रामदेव प्रसाद यादव ने कहा कि झारखंड सरकार कोर्ट फीस में बेतहाशा वृद्धि की है। जिससे वापस लेना न्याय हित में आवश्यक है कोर्ट फीस बढ़ोतरी के कारण गरीबों को मुकदमा लड़ना मुश्किल हो गया है,उन्होंने कहा कि सरकार को इस बिल पर अभिलंब विचार करना चाहिए। इस संबंध में महासचिव सुबोध कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार को तत्काल कोर्ट फीस बढ़ोतरी को वापस लेना चाहिए उन्होंने कहा सरकार को झारखंड स्टेट बार काउंसिल व अन्य जिले के अधिवक्ता संघ से संपर्क कर सरकार को संशोधित बिल लाए इसके साथ साथ एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल भी लाया जाए।
उन्होंने कहा कि एडवोकेट वेलफेयर ट्रस्टी कमिटी को भी संसोधित किया जाए,जिससे कि अधिवक्ता के मृत्यु पर उनके आश्रित को 10 से 20 लाख रुपए तक का राशि प्राप्त हो सके। साथ ही नए अधिवक्ताओं को पांच हजार रुपये स्टैपण्ड की राशि मिल सके। उन्होंने कहा कि बीमारी जैसे विशेष स्थिति में तत्काल पांच लाख सहायता मिल सके इस मौके पर जिले के अधिवक्ताओं ने चट्टानी एकता का परिचय देते हुए न्यायिक कार्यों से अलग रहा।
ज्ञापन देने वालों में अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष रामदेव प्रसाद यादव,उपाध्यक्ष मन्धारी दुबे,महासचिव सुबोध कुमार सिन्हा,कोषाध्यक्ष वरुण कुमार सिंह,संयुक्त सचिव प्रशासन अजय कुमार पांडेय,नितिन कुमार पांडेय,संजय कुमार पांडेय स्तय प्रकाश दुबे,विरेन्दर कुमार तिवारी,ललित कुमार शुक्ला,सुरेंद्र पांडेय,संतोष कुमार पांडेय,धीरेन्द पांडेय,बिरंचि नारायण समेत दर्जनों लोग शामिल थे।