खुद राम बने और बेटियों के शिक्षित कर माता शबरी के विचारों सपनो को साकार करें: अविनाश देव।

पलामू न्यूज Live//पलामू जिले के मेदिनीनगर में माता शबरी जयंती सह भुईयां परिवार मिलन समारोह में वरिष्ठ झामुमो नेता सह संत मरियम स्कूल के चेयरमैन अविनाश देव ने बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने मां शबरी के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन कर रेड रिबन काट कर मंच को उद्घाटन किया। वहीं भुईयां समाज के अध्यक्ष व पूर्व मुखिया सुनील भुईयां ने अंगवस्त्र एवं फूलमाला देकर श्री देव को स्वागत किया। भुईयां समाज के हजारों भाइयों बहनों को संबोधित करते हुए श्री अविनाश देव ने कहा की माता शबरी अपने त्याग तप और संघर्ष के बल पर भगवान राम को अपने घर में बुलाई और विशुद्ध मन नेक इरादे से खर्ची के तंगी में बेर चीख-चीख कर खिलाई और राम मुस्कुरा कर खाए।
लेकिन आज भी दलितों के साथ भेद भाव छुआ छूत हत्या बदस्तूर जारी है। सवाल उठता है राम के आने से माता शबरी के जीवन में क्या कोई बदलाव आया या लोगों के लिए पूजनीय बन कर रह गई तब बात त्रेता कि थी।
पिता के एक बात पर विरासत को छोड़ सहर्ष जंगल चले गए, वहां अपने लिए कुछ नहीं किया बल्कि खोई रियासत को युद्ध लड़ कर उन्हीं को पुनर्वापसी किया।
आज कि शबरी की जीवन स्थिति वही है वर्तमान दौर में राम कौन हैं जो इनकी स्थिति को बदलेगा पलामू संसदीय क्षेत्र में लगभग छः लाख भुइयां समाज के लोग बस्ते हैं।
मगह में धान काटने से लेकर ईंट भट्ठों पर काम करने तक कारखानों में काम करने से लेकर कई घरों में खाना बनाने तक पलायन के लिए मजबूर है। सांसद, विधायक, मंत्री भी हुए न शिक्षा मिली न स्वास्थ्य सुधरा आज के दौर में सिर्फ पूजा से इस समाज का उत्थान होने वाला नहीं है।
मैं तीखे स्वर में अगाह करना चाहता हूं पलामू प्रमंडल में शिक्षा का द्वार खोलिए और समाज को समृद्ध कीजिए दस कदम आप चलिए नब्बे कदम हम चलेंगे। समाज के अगुआ साथी से आग्रह होगा पूजा बाद मेरे साथ बैठें और समाज को शिक्षित करने की योजना पर काम करें।
कष्ट पहुंचता है कि अंबेडकर छात्रावास में एक भी भुइयां समाज का विद्यार्थी नहीं रहता है। आप योजनाबद्ध तरीके से खुद का छात्रावास निर्माण करें खुद राम बने और बेटियों के शिक्षित कर माता शबरी के विचारों सपनो को साकार करें।
यही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी, शबरी माता पूजा समिति के सभी सदस्यों को आभार जो हमें बतौर मुख्य अतिथि बुलाए। हम खुले मंच से भरोसा देते हैं इस समाज के उत्थान में आपके कंधा से कंधा मिलाकर चलेंगे। इस समाज में जन्मे तुलसी बीर, दशरथ मांझी सहित सभी महापुरुषों को मेरा सादर नमन।
शबरी जयंती के मौके पर मनोज जी, चंदन जी, महेंद्र जी, सुनील जी, पारसनाथ जी, राजू जी, सिकंदर जी, मंटू जी, ललित भुइयां, रविन्द्र भुइयां, सुरेंद्र भुइयां, बबलू भुइयां, मनोज भुइयां, योगेंद्र जी, सुनीता देवी, बिंदिया देवी, कौशल्या देवी सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।