उडी़सा के बालासोर में हुए सदी के भीषण ट्रेन हादसे की असली वजह सामने आई जाने कैसे हुई भीषण ट्रेन एक्सीडेंट।

पलामू न्यूज Live// भुवनेश्वर- उडी़सा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में अब तक 300 से अधिक यात्रियों की जान जाने व 11 सौ से उपर लोगों की घायल होने की रविवार सुबह तक बताई जा रही हैं। वहीं तीन ट्रेनों की हुई इस भीषण टक्कर के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं इसी बीच हादसे की संयुक्त जांच रिपोर्ट सामने आई है। इस जांच रिपोर्ट के अनुसार इस भीषण घटना के पीछे सिग्नल से संबंधित गलती सामने आई है। इस जांच रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेन हादसे की असली वजह सिग्नल की गलती को बताया जा रहा है। बता दें की बहानगा बाजार स्टेशन पर एक मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी थी इसी बीच चेन्नई से हावड़ा जा रही 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन पर पहुंची। हर स्टेशन पर दूसरी ट्रेन पास कराने के लिए लूप लाइन होती है बहानगा बाजार स्टेशन पर अप और डाउन दो लूप लाइन हैं। किसी भी ट्रेन को लूप लाइन पर तब खड़ा किया जाता है जब किसी ट्रेन को स्टेशन से पास कराया जाना हो इसीलिए बहानगा बाजार स्टेशन पर भी कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस को पास कराने के लिए मालगाड़ी को कॉमन लूप लाइन पर खड़ा कराया गया था। कोरोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से मेन अप लाइन से गुजर रही थी उस समय डाउन लाइन से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी गुजर रही थी। बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है ऐसे में दोनों ही ट्रेन की रफ्तार तेज थी बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतर गई।
पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े। हादसे के समय डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर- हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए जिसके बाद इतनी भीष्ण ट्रेन हादसा हुई। ओडिशा के बालासोर में बहनागा स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस और मालगाड़ी आपस में टकरा गई। इस हादसे में अब तक 300 लोगों की मौत हो गई है जबकि एक हजार से उपर लोग घायल हुए हैं यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
रेलवे ने बताया कैसे हुई भीषण ट्रेन हादसा।
सुपरफास्ट ट्रेन कोरोमंडल एक्सप्रेस तमिलनाडु के चेन्नई से पश्चिम बंगाल के शालीमार स्टेशन की ओर जा रही थी तभी यह ट्रेन हादसा दिनांक 2 जून 2023 दिन शुक्रवार कि शाम करीब 7:20 बजे बाहानगा बाजार स्टेशन पर हुआ। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई साथ हीं ट्रेन के कई डिब्बे मालगाड़ी पर चढ़ गए। भारतीय रेलवे ने अपने बयान में बताया कि ट्रेन नंबर 12841 चेन्नई सेंट्रल से शालीमार जा रही थी। 2 जून दोपहर 3:30 बजे शालीमार के लिए रवाना हुई थी शाम 8ः30 बजे खड़गपुर डिवीजन में आने वाले बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गई। जानकारी के मुताबिक हावड़ा जा रही बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे। पटरी से उतरने के बाद ये डिब्बे शालीमार- चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा कर इसके डिब्बे भी पलट गए कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद मालगाड़ी से टकरा गए। जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रेन की पटरी लोहे के डिब्बे के आर-पार हो गए फिल- हाल अप और डाउन दोनों ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। इधर राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है ओडिशा सरकार मदद के लिए दुर्घटनास्थल पर जनरेटर और रोशनी के साथ शुक्रवार की शाम को हीं पहुंच गई थी एनडीआरएफ की कई टीमें अभी भी राहत कार्य में लगी हुई हैं।
ट्रेन में सवार कुछ यात्रीयों ने बताया अपनी जुबानी हादसे की कहानी।
कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन से चेन्नई जा रहे एक यात्री ने बताया कि हम लोग S5 बोगी में सवार थे घटना के समय मैं अपनी सीट पर सोया हुया था अचानक जोर का झटका लगा और ट्रेन कि बोगी पलट गई। बाद में मैने देखा कि किसी का सिर नहीं था तो किसी का हाथ या पैर कट चुका था। उसने बताया कि हमारी सीट के नीचे एक 2 तिन वर्ष का बच्चा था जो सुरक्षित बच गया बाद में हमने उसके परिवार वालों को बचाया। वहीं दुसरे यात्री ने भी बताया कि मेरी आंख लग गई थी जब ट्रेन का एक्सिडेंट हुआ था जिस बोगी में मैं था वो भी बोगी पलट गई। इस हादसे में ज्यादा लोग इसलिए भी मारे गए क्योंकि इसमें दो पैसेंजर ट्रेनें शामिल हैं जब ट्रेन पटरी से उतरी तो डिब्बों में कई लोग फंस गए। इसके अलावा अंधेरा होने की वजह से भी अभियान में दिक्कतें आईं हैं। इस घटना के बाद शनिवार को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी एवं रेल मंत्री मौके पर पहुंच कर जायजा लिया वहीं मृतको को नमन करते हुए दुःख प्रकट किया। मृतको को मुवावजा देने के लिए उडी़सा सरकार ने घोषणा किया एवं घायलों को हरसंभव मदद करने का वादा किया। वहीं घटना क्षेत्र के आस पड़ोस के ग्रामीणों व राजनीतिक दल के नेताओं ने घायलों को जान बचाने के लिए ब्लड डोनेट कैंप का आयोजन किया है जिसे ब्लड की आवश्यक्ता है उसे दिया जा रहा है।