समूह से जूड़कर मजदूरी करने वाली महिला अब 25 से 30 हजार महिना कमा रही है।

पलामू-तरहसी प्रखंड अंतर्गत नावगढ़ पंचायत के दुंदु गांव के चमेली आजीविका सखी मंडल की सदस्य कलावती दीदी समूह में नहीं जूडी़ थी तब कलावती देवी अपना गांव में मजदूरी का काम किया करती थी। इनका पति भी गांव में हीं काम करते थे और थोड़ा बहुत खेती बारी का काम भी करते थे इससे घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो जाता था। वहीं कलावती दीदी ने 2019 में समूह से जुड़ी और प्रशिक्षण पाकर मेहनत करने लगी जिससे दीदी समूह में सचिव का काम कर रही है। वो अपना समूह से छोटे छोटे ऋण लेकर जरूरतों को पूरा करने लगी फिर कुछ दिन बाद इन्होंने एक लाख पचास हजार रुपया लेकर एक ऑटो खरीदी।
इससे यह दीदी को कहीं आने जाने का साधन हो गया और इनके गांव से अनेको दीदी लोग को बैंक जाने के लिए पैदल या अगले रोज ऑटो का इंतजार करना पड़ता था आज दीदी को कहीं भी जाने के लिए दिक्कत नहीं होती है। कलावती दीदी आज अपने गांव में आजीविका के साथ-साथ लोगों में एक नमूना बनकर अपने आजीविका को बढ़ा रहे हैं इससे इनका प्रतिमाह आमदनी 25 से 30 हजार हो जाती है।
उन्होंने कहा कि मेरे रोजगार में वृद्धि के पीछे जो कारण है वह जेएसएलपीएस (JSLPS) है मैं अपने ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर को सदा आभार प्रकट करती हूं। वहीं संवाददाता सखी माला कुमारी ने बताया कि कलावती दीदी अपनी आजीविका को बढ़ा रहे हैं और अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रही है।
इस प्रकार से कसमार आजीविका महिला संकुल स्तरीय संघ के दीदियों को विकास की राह पर आगे और बढ़ने की उत्साह जताई।