देश के नये संसद भवन के शिलान्यास में दलित राष्ट्रपति व अब उद्घाटन में आदिवासी राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करना पीएम मोदी द्वारा संसदीय लोकतंत्र का अपमान:शत्रुघ्न कुमार शत्रु।

पलामू न्यूज Live//पलामू- मेदिनीनगर झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक केंद्रीय अध्यक्ष सह अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने आज मेदिनीनगर में एक प्रेस बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश के सभी वर्गों के टैक्स पेयर के रुपयों से निर्मित नये संसद भवन के शिलान्यास में तत्कालीन दलित राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद और अब आगामी 28 मई को नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में आदिवासी राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मू जी को आमंत्रित नहीं करना संसदीय लोकतंत्र का भीषण अपमान है जो अत्यधिक निंदनीय है। जारी बयान में उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी द्वारा संघ व हिन्दूत्व के विचारक दामोदर सावरकर के जन्मदिवस पर नये संसद भवन का उद्घाटन स्वयं करना हिन्दू राष्ट्र का हिडेन एजेण्डा है जो जम्हूरियत की भावना के खिलाफ है। बयान में केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि देश का प्रधानमंत्री लोकसभा में संसदीय दल का नेता होता है ना कि राज्यसभा का जबकि सबको मालूम है कि राष्ट्रपति लोकसभा व राज्यसभा के संयुक्त सत्र को सम्बोधित करनेवाले देश के विधायिका के साथ ही संवैधानिक प्रमुख होते हैं जिनके हस्ताक्षर के बाद ही कोई विधेयक कानून बनता है। ऐसे में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आदिवासी राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मू जी को उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं करना उनकी निम्नस्तरीय जातिवादी व अलोकतांत्रिक सोच को दर्शाता है जिसके खिलाफ सम्पूर्ण विपक्ष को उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करना चाहिए। बयान में उन्होंने कहा है कि घोर मनुवादी सामन्तवादी व पूंजिवादी सोच के वाहक संघ भाजपा व पीएम मोदी ने ना केवल संवैधानिक संस्थाओं की गरीमा को धूल- धूसरित किया बल्कि इनके कार्यकाल में दलित और आदिवासी राष्ट्रपति की राष्ट्रप्रमुख की गरीमा को गिराकर दलितों/आदिवासियों का वोट बटोरने का हथकंडा बना दिया है जो बर्दाश्त के काबिल नहीं है। ज्ञातव्य है कि संघ के इशारे पर भाजपा के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने संविधान समीक्षा आयोग बनाकर संघ के हिन्दू राष्ट्र के एजेंडे को हवा दी थी जिसको प्रथम दलित राष्ट्रपति डा० के.आर. नारायणन साहब ने अपनी शक्तियों का प्रयोग कर भंग किया था। तबसे खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की तर्ज पर संघ व भाजपा ने राष्ट्रपति पद की गरीमा को ठेस पहूंचाने का जी तोड़ प्रयास जारी रखा है जो आज भी दृष्टिगोचर हो रहा है। बयान के अंत में उन्होंने कहा है कि अगर भारत में लोकतंत्र को बचाना है तो 2024 के आम चुनाव में मोदी सरकार को हराना होगा। इसके लिए हमें भाजपा व संघ में शामिल दलितों/आदिवासियों व पिछड़ों के रंगे सियार बन चुके सांसदों/विधायकों,मंत्रियों समेत सभी उनके दलाल बन चुके कार्यकर्ताओं का सामूहिक बहिष्कार करना होगा।

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“ब्यूरो रिपोर्ट पलामू न्यूज Live”

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