सुखाड़ के लिए नियम है 33 प्रतिशत से कम वर्षा होती है तो सुखाड़ क्षेत्र घोषित होती है-के.एन त्रिपाठी।

पलामू-मेदिनीनगर शहर के परिसदन भवन में पूर्व मंत्री के.एन त्रिपाठी ने की प्रेसवार्ता झारखण्ड में सुखाड़ की हालात को देखते हुए की प्रेसवार्ता पूर्व मंत्री ने बताया कि सुखाड़ के लिए जो नियम है 33 प्रतिशत से कम वर्षा होती है तो सुखाड़ क्षेत्र घोषित होती है। झारखण्ड के कई ज़िलो में पानी नही है कई जगह तो धान की रोपनी भी नही हुई है। जब धान का बीज बूढ़ा हो गया तब थोड़ी बारिश हुई है मकई,दलहन समेत कई फसल पूरी तरह खेतो में सुख गई है जब हम मंत्री थे तो हमारी रिपोर्ट के आधार पर कई जिलों को सुखाड़ क्षेत्र घोषित किया गया था।
लेकिन दो महीनों से सुखाड़ होने के बावजूद भी 18 जिलों को सुखाड़ क्षेत्र घोषित नही किया गया है अतः केंद्र सरकार और राज्य सरकार जल्द से जल्द इन जिलों को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करे पानी और पम्प की वयस्था सरकार करे ताकि सुख रही फसलों को बचाया जा सके।
दो महीनों से केंद्र सरकार की कान में जू नही रेंग रही है यह चिंतनीय विषय है सरकार सुखाड़ राहत कोष को लागू करे और जो भी फसलें बर्बाद हो रही है उसे बचाने की व्यवस्था करे।