चुनाव से पहले दाग धोने में जुटी मेयर जनता को भरमाना बंद करें-दीपक।

पलामू-मेदिनीनगर नगर निगम की बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय को केवल दिखावा बताते हुए झामुमो नेता दीपक तिवारी ने फिर निगम के पदाधिकारियों पर जोरदार हमला बोला है। 49 माह के कार्यकाल में महज 18 बार बोर्ड की बैठक कर पाने वाली मेयर अरूणा शंकर को कठघरे में खड़ा करते हुए विपक्षी बोल दीपक ने मेदिनीनगर नगरनिगम क्षेत्र की जनता को बोर्ड के बहाने गुमराह करने का आरोप लगाया है। दीपक ने कहा कि अब जब कार्यकाल पूरा होने जा रहा है तो निकम्मेपन का ठीकरा कर्मचारियों पर फोड़कर निगम के कर्ताधर्ता दामन के दाग धोना चाहते है। नली-गली, साफ-सफाई, शिकायतों पर नहीं कारवाई पानी बंटवाने के नाम पर खानापूर्ति करने वाले अव्यवस्था एवं अराजकता के दोषी हैं। जनता के सामने बेनकाब हो रहे हैं तो सिटी मैनेजर को हटा कर अवैध वसूली,गंदगी का अंबार,दोनों तालाब की बर्बादी,बंद पानी सप्लाई,चौक चौराहों के साथ खिलवाड़ करने वाले इतने दिनों से चुप्पी साधे हुए क्यों थे। अब जब कार्यकाल खत्म होने पर है तो दामन के दाग धोने के लिए टैक्स-टैक्स चिल्ला रहे हैं,जिनका दिल उस दिन नहीं पिघला था जब कैंप लगाकर जमकर गरीब जनता को डरा-धमकाकर टैक्स वसूला जा रहा था। झामुमो नेता ने कहा कि महिला होकर मेयर जनता के प्रति कर्तव्यनिष्ठा का पाठ नगर आयुक्त से सिखें,जिन्होंने अपनी कार्यतालिका से हर दोषी को सुधारा है।
श्रेय लेने के बजाय समय पर बोर्ड की बैठक कराती एवं शिलान्यास के बजाय मुहल्लों में घुम घुमकर निगरानी करती तो आज दामन का दाग धोना नहीं पड़ता। पलामू के सेवादार दीपक तिवारी ने बताया कि निगम की बोर्ड की बैठक में बड़े घरों में रहने वालों के पोल खुल गए जो एसी में बैठकर आम आदमी की पीड़ा समझने के बजाय नियम कानून का चाबूक चलाकर अत्याचार किया है। राजनीति करने का झूठा बयान देकर जनता को गुमराह करने वाले जनता को जवाब दें कि क्यों नगर में साफ सफाई नहीं होती है,इतना ही नहीं शिकायत करने पर भी कान पर तेल डालकर चार साल से क्यों सोए रहे बड़े-बड़े घोषणाओं को धरातल पर उतारने में क्यों असफल रहे।
दीपक ने कहा कि सच्चाई से भागने वालों का सच आखिरकार उनके ही बोर्ड की बैठक में उजागर हो गया अब सिटी मैनेजर को सजा देने वाले अपने कर्मों की सजा जनता की बोर्ड में पाएंगे। साथ ही नसीहत दी कि नैतिकता बची है तो अब भी इस्तीफा देकर अपना दोष स्वीकार कर लेनी चाहिए। फिर भी जनता तो सबक जरूर सिखाएगी।