लेस्लीगंज के वधू और गया के वर ने बिना तिलक दहेज के रचाया शादी, चारो ओर इसकी चर्चा जिसे सभी ने सराह।

पलामू न्यूज Live//पलामू जिले के मेदिनीनगर में बिन तिलक दहेज के हुआ विवाह जो कई मामलों में अनूठा प्रयास कहा जा सकता है। पहली बात कि अंतर्जातीय विवाह हुआ दूसरी बात की बिना तिलक-दहेज लिए विवाह हुआ और तीसरी महत्वपूर्ण बात यह रही कि यह विवाह आनंदमार्ग की महिला पुरोहित ने संपन्न कराया। आनंदमार्ग प्रचारक संघ के आरएम मैरिज फॉर्म की ओर से रविवार कि रात पलामू जिले के मेदिनीनगर अंतर्गत नई मोहल्ला स्थित आनंदमार्ग जागृति में एक विवाह संपन्न कराई गई। जिसमें लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के राजहारा निवासी रामसरूप सिंह व अनीता की सुपुत्री डॉक्टर मधुमिता सिंह का विवाह बिहार के गया निवासी कैशलेंद्र कुमार के पुत्र लोकेश कुमार देव के साथ आनंदमार्ग पद्धति से संपन्न हुआ। वर पक्ष से पुरोहित अचार्य ब्रजगोपालानंद अवधूत व वधू पक्ष से महिला पुरोहिता ब्रह्मचारिणी मंद्रिता आचार्य ने किया।
आनंदमार्ग पद्धती से कैसे होता है क्रांतिकारी विवाह।
पलामू जिले के सीनियर आनंद मार्गी व अधिवक्ता लक्ष्मण सिंह ने कहा कि क्रांतिकारी विवाह यानी बिना तिलक दहेज एवं जातिविहीन, संप्रदाय विहीन विवाह को आनंदमार्ग में प्राथमिकता दी जाती है। इस विवाह में वर एवं वधू दोनों के परिवार की सहमति अति आवश्यक होती है दोनों परिवार वर-वधू समान विचारधारा के रहेंगे तभी ये विवाह को सफल बनाया जाता है।
आनंदमार्ग पद्धती से सालों भर होती है विवाह, भगवान का बनाया हर दिन होता है शुभ।
आचार्य ब्रजगोपालानंद अवधूत ने कहा कि शादी-विवाह के लिए सभी समय, दिन, रात, सुबह भगवान के ही बनाए हुए हैं जो सब कुछ समान है हर समय शुभ है। इसका भेदभाव समाज में खत्म करना होगा तभी समाज का सर्वांगीण विकास संभव होगा। आचार्या ने कहा कि नारी और पुरुष दोनों एक ही परम पिता के संतान हैं इसलिए जीवन की अभिव्यक्ति और अधिकार के क्षेत्र में दोनों को समान अधिकार है। महिलाओं को भी आनंदमार्ग में विवाह, दाह संस्कार व श्राद्ध कराने का अधिकार दिया गया है महिलाओं को हर स्तर पर अधिकार देना होगा तभी महिलाओं का सर्वांगीण विकास संभव होगा।
आरएम मैरिज फॉर्म के सदस्य मनोज कुमार ने बताया कि आरएम मैरिज फॉर्म आनंदमार्ग का अंग है। इसके अधीन कई ऐसे लड़के लड़कियां हैं जिन्हें रजिस्टर किया जाता है और उनके अनुसार विवाह की बात एक दूसरे के परिवार से की जाती है ऐसे ही यह भी विवाह किया गया है।
इस विवाह समारोह में भुक्तिप्रधान मधेश्वर देव, बैजनाथ देव, विश्वनाथ सिंह, मणिकांत, गोपाल, अरविंद, चंदू, सरोज, प्रदीप, राहुल, दीपक, नंदलाल, चंदन, पन्नालाल, गणेश, सहज प्रिया, पूनम, रेनू, समेत सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।