झारखंड राज्य में बालू-पत्थर के अवैध कारोबार में हेमंत सरकार के अधिकारी व जेएमएम नेता संलिप्त-बाबूलाल।

रांची-झारखंड में बालू और पत्थर के अवैध कारोबार में हेमंत सरकार संलिप्त है। पहले सिर्फ संदेह था अब यकीन हो गया। यह बातें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने गिरिडीह में कही। मंगलवार को उन्होंने हेमंत सरकार पर कड़ा हमला बोला कहा पहले सिर्फ संदेह था मगर अब यकीन हो गया है कि हेमंत सरकार बालू कोयला और पत्थरों के अवैध कारोबार से खुल कर पैसे कमा रही है। राज्य के अधिकारी के साथ दलाल और जेएमएम नेता लूटने में लगे हैं मतलब तीनों मिलकर पैसे कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि साहिबगंज में कार्रवाई के दौरान ईडी ने अपने चार्जशीट में डीसी और डीएमओ का नाम भी शामिल किया। इसके बावजूद दोनों अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है इसका मतलब साफ है कि सरकार की भी मिलीभगत है।
माइका कारोबार चलाने के लिए आंदोलन।
हेमंत सरकार बालू कोयला और पत्थर लूट रही है मगर दूसरी ओर गिरिडीह और कोडरमा में मजदूरों का रोजगार का साधन माइका को ठप कर दिया गया। वन विभाग को माइका कारोबार के लिए खुला छोड़ दिया चाहे वन विभाग से बाहर के इलाके से माइका निकल रहा हो या बन विभाग के भीतर इलाके से। भाजपा ने भी प्रण लिया है की हेमंत सरकार को सत्ता से बाहर निकाले बिना शांत नहीं बैठने वाली। इसको लेकर ही सात नवंबर से राज्य सरकार के खिलाफ प्रखंड स्तर पर आंदोलन शुरू होगा। दूसरी ओर भाजपा की ओर से कोडरमा और गिरिडीह में ठप पड़े माइका कारोबार को चालू कराने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन किया जाएगा।
तेलोडीह घटना की साजिश नाकाम हुई।
बीते दिनों तेलोडीह में घटीत घटना को बाबूलाल मरांडी ने साजिश करार दिया। बताते चलें कि मस्जिद में एक युवक को गलत हरकत (लघुशंका) करते नमाज पढ़ने गए लोगों ने देख लिया था। इसे देख लोग आक्रोशित हो गए थे और दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने हो गए थे। इस मामले में कई आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल ने तेलोडीह की घटना के लिए सदर विधायक सोनू और गांडेय विधायक सरफराज अहमद को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि दोनों की साजिश थी कि फेस्टिवल में दो समुदाय के बीच विवाद पैदा हो लेकिन दोनों की साजिश नाकाम हुई।