झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा ने सभी I.G-D.I.G और SSP-SP को पंचायत चुनाव के दौरान कड़ाई करने का दिया निर्देश।

झारखंड पंचायत चुनाव में OBC को आरक्षण नहीं दिए जाने के मामले में आज बुधवार 4 मई को सुप्रीम कोर्ट में विस्तृत सुनवाई हो हुई। यह मामला सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी की ओर से उच्चतम न्यायालय में दायर किया गया है। झारखंड में चार चरणों में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव चार चरणों में कराए जा रहे हैं। लेकिन इसमें ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया गया है। ओबीसी को आरक्षण नहीं देने के सुनवाई तीन जजों की बेंच कर रही है झारखंड पंचायत चुनाव में इसी महीने वोट डाले जाने हैं। इससे पहले झारखंड पंचायत चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर 25 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। तब तीन जजों की बेंच ने विस्तृत सुनवाई के लिए 4 मई की तारीख तय कर दी थी। सबसे पहले जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस अभय एस ओका की अदालत ने इस मामले को सुना। तब अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए याचिका को तीन जजों के बेंच में स्थानांतरित कर दिया।
झारखंड सरकार के खिलाफ कौन किया था याचिका दायर।
आजसू पार्टी के गिरिडीह लोकसभा सीट से सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में झारखंड सरकार के खिलाफ यह याचिका दाखिल की है। प्रार्थी की ओर से जल्द सुनवाई के लिए विशेष आग्रह किए जाने पर कोर्ट ने 4 मई को विस्तृत सुनवाई का डेट दिया था। इस याचिका में कहा गया है कि झारखंड सरकार इस बार ओबीसी आरक्षण दिए बिना ही पंचायत चुनाव करा रही है। यह सरासर मनमानी है। सरकार से ओबीसी को आरक्षण देने की लगातार मांग की गई लेकिन इस पर गौर नहीं किया गया। पंचायत चुनाव में आरक्षण न देकर राज्य के ओबीसी के साथ हेमंत सोरेन सरकार अन्याय कर रही है। हालांकि सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि राज्य की पंचायतों में आरक्षण देने के चलते चुनाव में बेवजह की देरी हो रही है। झारखंड विधानसभा में सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि ट्रिपल टेस्ट कराकर ओबीसी को आरक्षण देने में परेशानी हो रही है। इसलिए फिलहाल बिना आरक्षण के पंचायत चुनाव कराया जा रहा है।
झारखंड के DGP ने किया जिले के सभी एसपी को अलर्ट
इधर झारखंड पुलिस के डीजीपी नीरज सिन्हा ने सभी आइजी-डीआइजी और एसएसपी-एसपी को पंचायत चुनाव के दौरान कड़ाई करने का निर्देश दिया है। विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 107 के तहत निषेधात्मक कार्रवाई करने, लंबित कांडों का निष्पादन करने, वारंट-कुर्की का विशेष अभियान चलाने को कहा गया है। अवैध शराब व अवैध हथियार के खिलाफ पुलिस को त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। डीजीपी ने लाइसेंसी हथियारों का सत्यापन प्राथमिकता के आधार पर कराने की बात कही है। राज्य की सीमाओं पर सघन चौकसी और पेट्रोलिंग गश्त बढ़ाने तथा संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया है।