CM हेमंत सोरेन को पलामू के सांसद बीडी राम ने दोनों जिलें पलामू, गढ़वा मे स्वास्थ्य कि लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर समस्याओं से अवगत कराया।

पलामू सांसद माननीय विष्णु दयाल राम जी ने आज दिनांक 10 मई 2021 को माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी की अध्यक्षता में पलामू और संथाल परगना प्रमंडल के माननीय सांसदों और विधायकों के विभाजन -19 महामारी के हस्तक्षेप के विषयों पर आयोजित वर्गीय बैठक में शामिल हुए। । पलामू संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत दोनों जिले पलामू और गढ़वा की वर्तमान स्थितियों में सुधार करने के लिए आवश्यकताओं और अपने सुझावों से उन्हें बेहतर बनाया गया है। श्री राम ने उक्त बैठक को बुलाने के लिए सर्वप्रथम माननीय मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देते हुए कहा आज पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। पलामू प्रमंडल भी इससे अछुता नहीं है। उपलब्ध आंसरों के अनुसार पलामू जिला में आज के दिन में कुलपति रोगियों की संख्या 8232 है।इसमें से कुल 1836 रोगी सक्रिय है और कोरोना संक्रमण से मरने वाले व्यक्तियों की संख्या 74 है (वर्ष 2020- 24 और वर्ष 2021- 50) इसी प्रकार गढ़वा जिला में कुल अवस्था रोगियों के संख्या 5120 हेय और इनमें से कुल 1057 रोगी सक्रिय हैं। मरने वाले व्यक्तियों की संख्या 59 है। निश्चित रूप से स्थितिनीय है। जिस प्रकार दूर-सरणी से ग्रामीण क्षेत्र कोरोना संक्रमण से प्रभावित हो रहा है, आने वाले हेनेंद में ऑक्सीजन युक्त बिस्तर, ऑक्सीजन सिलिंडर, फ्लोमीटर और नोड एंटनी पाइप की भयंकर कमी हाएगी। वैसे आज के दिन में भी इनकी कमी महसूस की जा रही है। विदित है कि पलामू संसदीय क्षेत्र के दोनोें जिलों में जीवन का समर्थन एम्बुलेंस नहीं है। पलामू और गढ़वा से राँची की दूरी क्रमशः 163 कि 0 मी 0 और 203 कि 0 मी 0 है।गंभीर बीमार व्यक्ति को सुरक्षा इतनी दूर बिना जीवन के जीवन का समर्थन एम्बुलेंस के ले जाना संभव नहीं है। अतः दोनाए जिलाें में दो-दाए एम्बुलेंस उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी इस बीमारी को छिपाने की प्रवृति देखने को मिल रही है। अतः ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है कि टीकाकरण क्यों आवश्यक है। माननीय सांसद ने कहा कि कोरोनाटे रोगियों में 6 से 8 प्रतिशत अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं जबकि यह संख्या 2 से 3 प्रतिशत से कम होनी चाहिए। यह तभी संभव है जब सरकार आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से इस संबंध में लाएगों को जागृत करें। विज्ञापन / अपील पत्र लिखने में भी इस कार्य को किया जा सकता है। धन राशि की कमी नहीं लगती है। सेंट्रल स्प्लिट।सहायता, DFMT, NitiAyog, आपदा प्रबंधन कोष, दूर-दराज के क्षेत्रों में टीकाकरण की व्यवस्था, ऑक्सीजन सिलिंडर की गृह सुरक्षा की स्थिति में व्यवस्था। खाली बेड़ेंड (ऑक्सीजन युक्त, वेट युक्त युक्त) की अद्यतन (अपडेट) स्थिति की जानकारी सार्वजनिक करना। मरीज सदर अस्पताल में भर्ती होने के लिए आते हैं। यदि सदर अस्पताल में बिस्तर खाली नहीं नहीं हाए तो वहां पर उस मरीज को यह जानकारी देने की व्यवस्था होनी चाहिए कि किस अस्पताल में जगह खाली है और उसे वहां एम्बुलेंस के माध्यम से ले जाने की व्यवस्था होनी चाहिए। जमाखोरी, कालाबाजारी- दवाईयों का, उपकरणों का निवारण का सार्थक प्रयास होना चाहिए। एचआर की कमी- डॉक्टर्स / पैरामेडिक्स / नर्स / एएनएम / जीएनएम की कमी, चिल्ड्रन वार्ड- 3 वेव को रोकने के लिए तैयारी निर्धारित तैयारी करना।