महिला को अपहरण कर दुष्कर्म किया फिर प्रेम प्रसंग का मामला बताकर दबंगों द्वारा लीपापोती का प्रयास जारी है जिसकी जांच होनी चाहिए:जेकेएम।

पलामू न्यूज Live//पलामू जिले के मेदिनीनगर में झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने बुधवार को एक प्रेस बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि पालमू जिला अंतर्गत रामगढ़ थाना क्षेत्र के हुंटार निवासी दलित महिला के पिछले 12 फरवरी से अभिषेक चन्द्रवंशी व अन्य लोगों द्वारा अपहरण किया गया था। उसके बाद बिहार, छतिशगढ़ व झारखण्ड के विभिन्न ठिकानों पर लम्बी अवधि तक रखकर दुष्कर्म की घटना की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा है कि इस घटना में रामगढ़ पुलिस की संदिग्ध भूमिका की जांच करवाकर माननीय मुख्यमंत्री जी व डीजीपी झारखण्ड को कड़ा एक्शन लेना चाहिए। जारी बयान में उन्होंने कहा है कि लगभग ढ़ाई वर्ष पहले पीड़िता द्वारा हुंटार के दिलीप चन्द्रवंशी व अन्य के खिलाफ मार-पीट व दुष्कर्म आदि के मामले में एससी/एसटी एट्रोसिटीज एक्ट के तहत दर्ज मुकदमें में बयान बदलवाने के लिए।
पुलिस की मिलीभगत से दलित महिला के अपहरण के इस मामले को जानबूझकर प्रेम प्रसंग का मामला बताकर दबंगों द्वारा लीपापोती का प्रयास जारी है जिसकी जांच होनी चाहिए। ज्ञातव्य है कि पिछले 20 फरवरी को अपहरण अवधि में ही दबाव देकर अपहृत महिला से अपहरणकर्ताओं ने उसके पति व सास-ससुर के खिलाफ दहेज प्रताड़ना से सम्बन्धित मुकदमा दर्ज कराया था ताकि इसे प्रेम प्रसंग से जोड़ा जा सके।
आगे बयान में उन्होंने कहा है कि एससी/एसटी एक्ट के उपरोक्त मामले में दिलीप चन्द्रवंशी के पक्ष में 27 फरवरी को गवाही देने के लिए ही दलित महिला का उसके ढ़ाई साल की बच्ची के साथ अपहरण किया गया था। जिसे 27 फरवरी के दिन नकाब में छिपाकर मेदिनीनगर कोर्ट कैंपस में यह कहते हुए लाया गया था कि अगर तुमने हमारे पक्ष में गवाही नहीं दी तो तुम्हारी बच्ची व पति को मार दिया जाएगा।
वहां पर महिला का इशारा पाकर उसके पति व माता-पिता ने भीम आर्मी के लोगों के सहयोग से भारी जद्दोजहद के बाद मुक्त करवाकर इसकी सूचना पुलिस को दी। उक्त महिला के अपहृत बच्ची को भी दिलीप चन्द्रवंशी के मेदिनीनगर आवास पर रखा गया था इसकी खूलाशे के बाद पुलिस के साथ वहां पहुंचे भीम आर्मी के लोगों को भी पुलिस ने डिटेन कर प्रताड़ित किया जो निंदनीय है।
आगे बयान में श्री सत्रु ने कहा है कि दूसरे दिन 28 फरवरी को कोर्ट में दलित महिला द्वारा 164 के बयान दर्ज करवाने के बाद रामगढ़ थाना के एसआई श्री शिव कुमार प्रसाद ने अपहरणकर्ता अभिषेक चन्द्रवंशी के साथ दलित महिला को एक ही गाड़ी में बैठाकर यह कहते हुए थाना लाई की तुम्हारा मेडिकल जांच होगा। वहां से अभिषेक चन्द्रवंशी को जेल भेजकर रामगढ़ पुलिस बिना महिला के परिजनों को बताए रामगढ़ थाना ले आई जहां पर दूसरे दिन मेडिकल जांच कराने के नाम पर रात भर उसे प्रताड़ित कर अकेले रखा गया।
इस प्रेस बयान में झारखण्ड क्रांति मंच के अध्यक्ष ने कहा है कि रामगढ़ पुलिस की जानकारी में अपहरणकर्ताओं ने दलित महिला को झारखण्ड के अलावा दूसरे प्रदेशों में रखकर उसके साथ दुष्कर्म किया है। यह दुःख की बात है कि पलामू की आरक्षी अधीक्षक महोदया एक महिला हैं इसलिए महिला पर अत्याचार व शोषण करने वाले पर कड़ी कार्रवाई करें। अगर यह घटना उंच्ची व दबंग जाति की महिला के साथ होती तो पुलिस एक्शन में होती लेकिन अबुआ राज में एससी को कौन पुछता है।
बयान के अंत में उन्होंने समाज के सभी वर्ग के लोगों बुद्धिजीवियों व राजनीतिक दलों से इस घटना की निंदा कर दलित महिला के अपहरणकर्ताओं व ब्लातकारियों के खिलाफ संघर्ष में साथ देने का आह्वान किया है। अगर दलित महिला व उसके पति व परिजनों पर किसी प्रकार कि समस्या होती है तो तमाम दलित संगठनो व अन्य लोगों के साथ मिलकर उग्र आन्दोलन किया जाएगा।