कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज है, उस नवाजे पर मोहम्मद को नाज है, यूं तो लाखों सिर झुकते हैं सजदा में लेकिन हुसैन ने वो सजदा किया जीस पर खुदा को नाज है-निर्मला कुमारी।

पलामू न्यूज Live//पलामू जिले के नीलाम्बर-पीताम्बरपुर प्रखंड अंतर्गत जुरू ईटहे हरतुआ लेस्लीगंज ढेला सहित, प्रखंड के विभिन्न जगहों पर मातम का त्योहार मोहर्रम पर भव्य जुलूस निकाला गया। वहीं इस जुलूस में मुस्लिम धर्मावलंबी या हुसैन या अली का नारा लगाया गया जुलूस में हुसैनीयों द्वारा लाठी डंडे और तलवार का एक से बढ़कर एक खेल दिखाया गया। वहीं कोरोना काल के बाद इस वर्ष प्रखंड क्षेत्र में खुलकर मोहर्रम का जुलूस निकाला गया जिसमें हरतुआ पंचायत के न्यू मुहल्ला के मिल्लते इस्लामियां कमिटि द्वारा पगड़ी पोशी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसका मुख्य अतिथि लेस्लीगंज पूर्व जिला परिषद सदस्य निर्मला कुमारी व विशिष्ट अतिथि पांकी विधानसभा पूर्व प्रत्याशी सह कांग्रेस विंग के प्रोफेशनल रुद्र शुक्ला, हरतुआ पंचायत के मुखिया अरविंद शुक्ला, पंसस पति दीपक गिरी थे। जिसे कमेटी के लोगों ने बारी-बारी से पगड़ी पोशी, माला और तलवार से सम्मानित किया। मौके पर पूर्व जिला परिषद सदस्य निर्मला कुमारी ने रियाजुदिन अंसारी द्वारा बनाए गए ताजिया का भूरी-भूरी प्रसंसा करते हुए प्रखंड मे नंबर वन का दर्जा देते हुए पांच हजार रुपये का ईनाम दिए।
संबोधन में उन्होंने कहा कि कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज है, उस नवाजे पर मोहम्मद को नाज है, यूं तो लाखों सिर झुकते हैं सजदा में लेकिन हुसैन ने वो सजदा किया जीस पर खुदा को नाज है। इस्लाम धर्म मुहब्बत से फैला है नफरत से नहीं, क्योंकी हुसैन साहब यह जानते हुए भी जहर को पी लिए और खुदा से उन्होने अपने हत्यारो के लिए दुआ मांगा या खुदा मेरे हत्यारों को बकस देना। अंत में प्रखंड क्षेत्र के समस्त मोहर्रम कमेटीयों को धन्यवाद दिया।
वहीं मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पांकी विधानसभा के कांग्रेस विंग प्रोफेशनल रूद्र शुक्ला ने कहा कि अधर्म पर धर्म का जीत है मोहर्रम त्योहार। हरतुआ पंचायत के मुखिया अरविंद शुक्ला ने कहा कि हजरत इमाम हसन व हुसैन कि शहादत हमे सच्चाई कि राह पर चलने कि सिख देती है इन्हीं के बताए रास्ते पर चलना चाहिए।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से एम.एस.ए पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर सह नायब सदर मों शफीक अंसारी ने कहा कि इमाम हुसैन अमन चैन और इंसाफ के लिए शहीद हो गए थे का प्रतीक है मोहर्रम। वहीं हरतुआ पंचायत के पूर्व मुखिया पति सह समाजसेवी मुस्तकीम मियां ने कहा कि हमेशा अन्याय और अहंकार के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद रखने का प्रतीक है मोहर्रम।
मौके पर दीपक गिरी,अरविनद यादव, मुखतार, मुर्तुजा, कुर्बान, मुकेश पुरी, विक्की गिरी, विक्रम प्रजापति, शंकर बैठा, तनवीर आलम, विश्वनाथ राम, अफजल सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।