धड़ले से चल रहे अनाधिकृत नन बैंकिंग कंपनियों पर होगी कड़ी कार्रवाई : आयुक्त।

पलामू न्यूज Live//पलामू प्रमंडलीय आयुक्त मनोज जायसवाल ने कहा कि आम जनता के मेहनत के कमाई की बचत पैसे हड़पने वाली तथाकथित अनाधिकृत नन बैंकिंग कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान राज्य सरकार द्वारा किए गए हैं। इसके विनियमन के लिए सरकार द्वारा संबंधित प्रमंडल के आयुक्त को सक्षम प्राधिकार नामित किया गया है। वहीं संबंधित जिलों के उपायुक्त सक्षम प्राधिकार के सहायक पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं। अविनियमित जमा योजनाओं के प्रतिबंध हेतु 2019 में बने नियम के अंतर्गत अविनियमित जमा योजनाओं को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से कड़ी कार्रवाई के प्रावधान किए गए हैं। ऐसे किसी भी मामलों के पीड़ित व्यक्ति प्रमंडलीय आयुक्त अथवा संबंधित जिलों के उपायुक्त के समक्ष शिकायत कर सकते हैं। वहीं आज पुलिस महानिरीक्षक पलामू क्षेत्र के कार्यालय भवन में अवस्थित सभागार में अविनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध अधिनियम। 2019 तथा झारखंड अविनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध नियम 2022 (BANNING OF UNREGUIATED DEPOSIT SCHEMES ACT (BUDS Act, 2019/BUDS Ruls 2022) के विभिन्न Operational Provision की जानकारी हेतु आज आयोजित प्रमंडलस्तरीय संवेदीकरण कार्यक्रम (Sensitization Programme) की अध्यक्षता कर रहे थे।
आयुक्त ने संवेदीकरण कार्यक्रम में उपस्थित पलामू प्रमंडल के तीनों जिले पलामू, गढ़वा एवं लातेहार के प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों को कहा कि वे अपने-अपने कार्य क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करें। ताकि आम जनता द्वारा मेहनत की कमाई से की गई बचत का जमा पैसा लोभ देकर पैसे ठगे जाने के कारण पीड़ित परिवार पर दूरगामी असर पड़ना स्वाभाविक है। अतएव इस संबंध में शिकायत मिलने पर पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित किया जाए। वित्त विभाग के संयुक्त सचिव अखौरी शशांक सिन्हा ने अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि फर्जी प्रचार के जरिए अधिक लाभ का प्रलोभन देकर अविनियमित कंपनियां आम निवेशकों से पैसे जमा कराती है। तो उस स्थिति में कम-से-कम 2 साल से लेकर 7 साल की सजा एवं अधिकतम 3 लाख से लेकर 10 लाख तक जुर्माने का प्रावधान है। ऐसी अविनियमित कंपनियां प्रलोभन के उद्देश्य से फर्जी स्कीम का प्रचार-प्रसार भी कराएंगी, तो कम-से-कम 1 साल की सजा एवं 2 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। वहीं अधिकतम 5 साल की सजा और 10 लाख तक जुर्माना भी हो सकता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अब ऐसे मामलों में पुलिस के द्वारा आईपीसी की धाराओं के साथ-साथ BANNING OF UNREGUIATED DEPOSIT SCHEMES ACT के तहत भी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के अनुरूप प्रदत्त शक्तियों, कार्यों एवं दायित्वों की जानकारी दी। कार्यक्रम के माध्यम से वित्त विभाग मुख्यालय, रांची की टीम द्वारा पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से उक्त अधिनियम से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की गई।
संवेदीकरण कार्यक्रम में आयुक्त मनोज जायसवाल, वित्त विभाग के संयुक्त सचिव अखौरी शशांक सिन्हा, गढ़वा उपायुक्त शेखर जमुआर, आयुक्त के सचिव मतियस विजय टोप्पो, पलामू के अपर समाहर्ता सुरजीत कुमार सिंह, उप निदेशक जनसंपर्क आनंद, क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक शिवेन्द्र कुमार, प्रशाखा पदाधिकारी राजीव रंजन तिवारी, वित्त विभाग के प्रशाखा पदाधिकारी श्रीकांत सारंगी, कनीय सचिवालय सहायक पियूष नयन के अलावा तीनों जिले के के अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।