पलामू में उग्रवाद पनपने का सबसे मुख्य कारण भूमि समस्या रही है,जिसे पुलिस व सामान्य प्रशासन के लोगों ने हमेशा अनदेखा किया है-झारखंड क्रांति मंच।

पलामू न्यूज Live// पलामू – मेदिनीनगर झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक केन्द्रीय अध्यक्ष सह अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने मेदिनीनगर में एक प्रेस बयान जारी किया है। इस बयान में उन्होंने कहा है कि आरक्षी अधीक्षक पलामू से सड़मा छत्तरपुर स्थित गुलाबचंद प्रसाद अग्रवाल काॅलेज के प्राचार्य श्री जितेन्द्र कुमार व प्रबन्धन के अन्य पदाधिकारियों पर दलित महिला फेंकनी देवी व उसके परिजनों द्वारा अपने जमीन खाता सं० 1, प्लाॅट नं०-761, रकबा 37.5 डी० पर ट्रैक्टर द्वारा खेत जोतवाने के क्रम में अभद्रतापूर्ण व्यवहार कर रोकने के खिलाफ एसी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग किया है। आगे जारी बयान में उन्होंने कहा है कि अभी पिछले दिनों छत्तरपुर अंचलाधिकारी के निर्देश पर सी०आई०, कर्मचारी व अमीन ने उक्त जमीन का स्थलीय निरीक्षण कर कागजात दिखलाने का निर्देश दिया था। लेकिन काॅलेज प्रबन्धन ने उक्त जमीन का पिछले 7 वर्षों से भोला चन्द्रवंशी जैसे कई फर्जी दावेदार खड़ा कर फेंकनी देवी व उसके परिजनों को भीषण मार-पीट कर प्रताड़ित किया है।
इस संदर्भ में पिछले साल फेंकनी व उसके पुत्री पर जानलेवा हमले व इज्जत लूटने के प्रयास का विडियो भी वायरल हुआ था। लेकिन पलामू एस०पी० के निर्देश के बावजूद भी कोई प्राथमिकी छत्तरपुर पुलिस ने दर्ज नहीं किया जो निंदनीय है। बयान में झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक ने कहा कि अभी हाल ही में मंच के केन्द्रीय कमिटी के पदाधिकारियों ने छत्तरपुर अंचलाधिकारी से मिलकर उक्त जमीन पर स्थलीय जांच कर भूमि मापी व कागजातों की जांच कर विवाद समाप्त करते हुए लम्बित मोटेशन की प्रक्रिया को पूरा करने का आग्रह किया था।
ज्ञातव्य है कि सन् 2016 में फेंकनी देवी पति रामप्रवेश राम सड़मा ने प्रमोद कुमार अग्रवाल से खाता सं०-1,प्लाॅट सं०-755, रकबा-37.5डी० एवं दूसरे खाता सं-1,प्लाॅट सं०-761, रकबा-37.5 डी० की खरीद की थी।
उक्त जमीन के मोटेशन के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता छत्तरपुर व उपायुक्त पलामू के निर्देश के बावजूद भी काॅलेज प्रबन्धन की हड़प नीति व दबंगता की वजह से आज तक फेंकनी देवी की जमीन का मोटेशन नहीं होने दिया गया जो गंभीर चिंता का विषय है।
बयान के अंत में उन्होंने कहा है कि पलामू में अनुसूचित जातियों/जनजातियों की ना केवल पुस्तैनी जमीनें बल्कि हाड़तोड़ मेहनत से खरीदी गई जमीनों को दबंगों ने बड़ी संख्या में प्रशासन के सहयोग से हड़पने का कार्य किया है। सबको पता है कि पलामू में उग्रवाद पनपने के सबसे प्रमुख कारणों में भूमि समस्या रही है जिसे पुलिस व सामान्य प्रशासन के लोगों ने हमेशा अनदेखा किया है।
अगर इस मामले को भी काॅलेज प्रबन्धन व उसके दलाल भोला यादव के इशारे पर लीपापोती का प्रयास हुआ तो फेंकनी देवी आमरण अनशन में जाने व जिला प्रशासन के सामने आत्मदाह को मजबूर होगी।