500 व 1000 के नोट से भ्रष्टाचार,आतंकवाद व कालाधन बढ़ रहा था,तो दो हजार रुपये के नये नोट जारी करने से कैसे घट गया-सत्रुघ्न कुमार सत्रु।

पलामू न्यूज Live//पलामू- मेदिनीनगर झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केंद्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने 23 मई 2023 मंगलवार को एक प्रेस बयान जारी कर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अब 2000 रुपये के नोट लीगल टेंडर नहीं रहने सम्बन्धी निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है। कि देश की अर्थव्यवस्था व मौद्रिक नीति को पटरी पर लाने में अक्षम मोदी सरकार ने अपने भ्रष्ट उद्योगपति मित्रों व संघ के काले धन वाले कारोबारियों के इशारे पर 500 व 1000 के पुराने नोट को बन्द कर दो हजार रुपये के नये नोट जारी करवाकर भ्रष्टाचारियों व काले कारोबारियों की मदद की थी। अब पुन: दो हजार रुपये के नोटबन्दी की घोषणा से यह प्रमाणित हो गया कि मोदी सरकार आर्थिक मोर्चे पर मानसिक दिवालियापन का शिकार होकर देश का बेड़ा गर्क करने पर तुली हुई है।
जारी बयान में श्री सत्रु ने कहा है कि देश में आतंकवाद व कालाधन पर कथित रुप से रोक लगाने के तर्क के साथ 8 नवम्बर 2016 को पांच सौ व एक हजार रुपये के पुराने नोट को बन्द करने की स्वयं घोषणा। के बाद दो हजार रुपये के भ्रष्टाचारियों के गुलाबी सपनों के नोट जारी करवाकर मोदी जी ने हास्यास्पद आर्थिक व मानसिक अक्षमता का परिचय दे दिया था।
निश्चित रूप से RSS व भाजपा को यह बताना चाहिए कि अगर पुराने 500 व 1000 रुपये के नोट से भ्रष्टाचार, आतंकवाद व कालाधन बढ़ रहा था तो दो हजार के नये नोट जारी करने से कैसे घट गया।
अब दो हजार रुपये के नोट बन्द करने सम्बन्धी भाजपा नेताओं व प्रवक्ताओं के हास्यास्पद तर्क की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि देश की मौद्रिक नीति को संघ के डंडे से हांकने की प्रवृति ने नोटबन्दी वन के बाद नोटबन्दी टू के महाघोटाले को अंजाम दिया है।
हम देश के लोगों से अपील करते हैं कि आगामी 2024 के आम चुनाव में मोदी सरकार को केंद्रीय सत्ता से उखाड़कर नोटबन्दी के महाघोटाले का पर्दाफाश करें।