जहां सूर्य की रौशनी नहीं जाता है वहां गुरू का ज्ञान पहुंचता है-अविनाश देव।

पलामू-मेदिनीनगर भारत विश्वगुरु रहा है और रहेगा गुरु के भूमिका में यहाँ एक एक लोग रहे हैं। कभी बुद्ध कभी महावीर कभी शंकराचार्य, कभी मंडन मिश्र कभी भारती और आज इंसानियत, मानवता ख़तरे में है आदमी आदमी से दूर हो रहा है। युक्त बाते संत मरीयम स्कूल के चेयरमैन सह झारखंड माटीकला बोर्ड झारखंड के सदस्य अविनाश देव ने पांकी के बोरो दिरी में शिवचर्चा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बोल रहे थे। साथ हीं उन्होंने कहा कि ज्ञान की गठरी पड़ा है वेद पुराण कुरान जन-जन तक जाने में अभी भी टेढ़ी खीर है। जिसे आपसी समझ भाईचारा प्रेम ब्यवहार में गिरावट आ रहा है जिससे हमारे अंदर का संवेदना मरता जा रहा है।
इसीलिए आज के दौर में शिव की लोकप्रियता बढ़ रही है, शिव विश्व कल्याण के लिए ज़हर पिये थे,संपति को छोड़ सर्वहारा बन गए थे,सांसारिक सुख मोह को त्याग कर पर्वत पर चले गए थे।
आज धन के लिए मन बदल जा रहा है इंसानियत का खून हो जा रहा है, फिर सब कुछ छोड़ कर दुनिया को अलविदा कह जाओगे। समकालीन दौर में शिवगुरु की महत्ता इसीलिए बढ़ रही है कि उनके पद चिन्हों पर चलने की जरूरत है। उनके विचारों को जन जन तक पहुंचाने के लिए शिव चर्चा उचित माध्यम है।
दिनांक 22 अप्रैल 2023 दिन शनिवार को पांकी प्रखण्ड के बोरोदिरी गांव में उमेश गुरुभाई के आवासीय परिषर में शिव परिचर्चा का आयोजन हुआ। जिसमें उपरोक्त बाते अविनाश देव द्वारा बताते हुए गुरु भाई बहनों को कहा गया कि इसी तरह आप सभी चर्चा करते रहें क्योकि जहां सूर्य की रौशनी नहीं जाती है वहां गुरु का ज्ञान पहुंचता है।
इस चर्चा में मुख्य तौर पर वरिष्ठ वकील व समाजसेवी ओंकार नाथ तिवारी, कमलदेव सिंह, अमोद सिंह, साकेत जी, लड्डू जी, देवन्ति देवी, कामेश जी, पुष्पा देवी, हेमन्त ब्यास, विनोद प्रजापत्ति, संतोष प्रजापत्ति, शिवजी, श्यामदेव जी, विनोद जी सहित सैकड़ो गुरु भाई बहनों की गरिमामयी उपस्थिति सराहनीय रही।