शिक्षा विभाग द्वारा आर्थिक प्रभाव में आकर एक ही तरह के अलग-अलग निर्देश देने से भ्रष्ट कार्यशैली उजागर हो गया है:शत्रुघ्न कुमार शत्रु।

पलामू-मेदिनीनगर अम्बेडकर ग्राम रबदा (नावाबाजार)
झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासभा के केन्द्रीय प्रवक्ता। शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने नावाबाजार के अम्बेडकर ग्राम रबदा स्थित आवासीय कार्यालय में प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा है। जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय पलामू के द्वारा अनुसूचित जाति के अत्यंत गरीब व लगभग 8 साल तक (14 सितम्बर 2004 से लेकर 17 दिसम्बर 2012 तक) गंभीर बिमारी के चलते सेवा से अनुपस्थित रहें रा०म०वि० कधवन के सहायक शिक्षक नन्दू राम के साथ भीषण अन्याय है। लगभग 7 साल (21 नवम्बर 1994 से लेकर 14 जनवरी 2001) तक बिना सूचना के अनुपस्थित रहीं श्रीमती निर्मला कुमारी सिन्हा सहायक शिक्षिका रा०म०वि०कुण्ड नगरपालिका पलामू के साथ न्याय करते हुए उक्त अवधि का अवकाश व योगदान स्वीकृत करते हुए सारी राशि का भूगतान कराना यह प्रमाणित करता है कि हेमन्त राज में अनुसूचित जातियों के साथ अन्याय होता रहेगा।
प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिमारी अवधि में लगातार रा०म०वि० कधवन के प्रधानाध्यापक व जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय पलामू को लिखित सूचना देने व उच्च न्यायालय रांची से न्यायादेश लाने के बावजूद भी स्वर्ण जातिवादी सोच से पीड़ित जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय ने सहायक शिक्षक नन्दू राम के उपरोक्त अवधि का अवकाश व योगदान को अस्वीकृत कर दिया जो निंदनीय है। एक ही तरह के मामले में शिक्षा विभाग द्वारा आर्थिक प्रभाव में आकर अलग-अलग तरह का निर्देश देने से भ्रष्ट कार्यशैली उजागर हो गया है।
ध्यातव्य है कि शिक्षक नन्दू राम की सेवा अभी 6 साल बाकी है वहीं निर्मला कुमारी सिन्हा को पारित पत्र का ज्ञापांक 1968 दिनांक 16/10/2009 की छायाप्रति के अनुसार यह लाभ उन्हें सेवानिवृति के बाद दिया गया है। प्रेस वार्ता के क्रम में घृणित जातिवादी भेदभाव की कड़ी निंदा करते हुए जेकेएम के संस्थापक सह अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासभा के केन्द्रीय प्रवक्ता ने कहा है।
कि झारखण्ड सेवा संहिता की धारा 234 के अनुसार निर्मला कुमारी सिन्हा के मामले में अगर रुपान्तरित अवकाश पूर्ण वेतन पर स्वीकृत किया जा सकता है तो अनुसूचित जाति के अत्यंत गरीब व लाचार बना चुके शिक्षक नन्दू राम के मामले में यह क्यों नहीं हो सकता है। अगर यथाशीघ्र जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय पलामू ने शिक्षक नन्दू राम के साथ न्याय नहीं किया तो राज्य के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन व शिक्षा मंत्री श्री जगन्नाथ महतो शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारियों को।
सूचित कर उपायुक्त कार्यालय पलामू के समक्ष झारखण्ड क्रांति मंच के बैनर तले शिक्षक नन्दू राम भूखमरी के शिकार अपने परिवार के साथ आमरण अनशन पर बैठने को बाध्य होंगे जिसकी जवाबदेही शिक्षा विभाग की होगी।
प्रेस वार्ता में शिक्षक नन्दू राम के अलावा उनके पुत्र रघुनाथ राम व शशि कुमार भी उपस्थित थे।