“आदमखोर तेंदुआ” को पकड़ने या मारने के लिए आधिकारिक आदेश 31 जनवरी तक मिल गया है।

झारखंड-पलामू प्रमंडल के गढ़वा जिले के प्रादेशिक वन क्षेत्र में विचरण कर रहे “आदमखोर तेंदुआ” को मारने के लिए आधिकारिक आदेश मिल गया है। हालांकी यह आदेश आगामी 31 जनवरी 2023 तक का ही है इस अवधि में अगर तेंदूआ नहीं मारा गया तो अवधि विस्तार को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक RCCF कुमार आशुतोष ने बताया कि तेन्दुआ को प्राधिकृत एजेंसी ही मारेगी यदि अन्य कोई मारेगा तो उसके विरुद्ध आपराधिक प्राथमिकी दर्ज होगी। बता दें कि चिन्हित आदखोर तेंदुआ ने अबतक गढ़वा जिले में तीन बच्चों की जान ली है और लातेहार जिले के एक को मारा है तेंदूआ ने अंतिम बार 28 दिसम्बर को रमकंडा प्रखंड क्षेत्र में हमला कर बच्चे को मार डाला था।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार लातेहार जिला अंतर्गत पलामू ब्याघ्र आरक्ष PTR के छिपादोहर वन क्षेत्र में एक 12 वर्षीय लङकी तथा गढ़वा जिले के भंडरिया रंका एवं रमकंडा प्रखंड क्षेत्र में एक-एक बच्चे की जान तेंदुआ ने ली है। आदमखोर तेंदुआ को मारने के लिए विशेष शिकारी नवाब शपथ अली खान पिछले 15 दिनों से गढ़वा के जंगलों में उसकी तलाश में हैं यह हैदराबाद से आए हैं। RCCF ने बताया कि तेन्दुआ को पकङ़ने के लिए चार आटोमेटिक स्वचालित KEAJ पिंजरा अलग-अलग वन क्षेत्र में रखे गये है और उसे जाल में फांसने के लिए उसमें बकरी एवं सूअर को रखा गया है।
मगर इसके जद में अबतक आदमखोर तेंदुआ नहीं आ सका इसके अतिरिक्त 50 ट्रेपिंग कैमरे भी लगाये गये हैं फ़िर भी उसकी तस्वीर उसमें अभी तक कैद नहीं हो पायी है। आरसीसीएफ आशुतोष ने बताया कि वैसे आदमखोर तेंदुआ को पकङ़ने की कोशिश है इसे बेहोश Treculise कर कैद करने की है और ऐसा नहीं हो पाया तब सीधे गोली मारने के आदेश पर अमल होगा।
उल्लेखनीय है कि आदमखोर तेंदुआ का परिभ्रमण क्षेत्र पलामू टाईगर रिजर्व और गढ़वा जिले के प्रादेशिक वन आपस में सटे सीमा हैं।