पलामू राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर ‘राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका’ विषयक परिचर्चा का आयोजन किया गया।

पलामू-मेदिनीनगर बेहतर एवं सुखी समाज के निर्माण में मीडिया की अहम भूमिका होती है। वर्तमान में मीडिया सिर्फ सूचना प्रदाता नहीं बल्कि यह जीवन को प्रभावित करने का कार्य कर रही है। देश दुनिया आज इससे प्रभावित है सामाजिक जीवन में मूल्य आधारित पत्रकारिता को प्रकट करने का प्रयास किया जाता है। मीडिया/पत्रकारिता समाज को सूचित,शिक्षित और मनोरंजन करने का सशक्त माध्यम है। इसके माध्यम से आने वाले संदेश का समाज पर व्यापक असर पड़ता है। जिसके जरिए मानवीय व्यवहार को नियंत्रित करते हुए सकारात्मक दिशा में रुख किया जाता है। यह बातें उपनिदेशक जनसंपर्क आनंद ने कही वे आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर 16 नवम्बर 2022 दिन बुधवार को पलामू जिले के पुराना समाहरणालय भवन में अवस्थित संदर्भ वीथिका में’राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका’विषयक परिचर्चा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि सूचना तंत्र समृद्ध होने से पहले हम,पहले हम होने की परिपाटी और इसके लिए भागदौड़ और अधिक बढ़ी है।
तुरत-फूरत समाचार प्रसारित करने के बावजूद इसकी विश्वसनीयता को कम नहीं आंका जा सकता। उन्होंने कहा कि भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की परंपरा रही है जिसमें व्यक्ति समाज और राष्ट्र का कल्याण निहित है। मीडिया की बातों में लोक कल्याण का संदेश एवं सत्यता झलकती है। उप निदेशक जनसंपर्क आनंद ने परिचर्चा में उपस्थित सभी प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकारों को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की शुभकामनाएं देते हुए परिचर्चा का विषय प्रवेश कराया। उन्होंने कहा कि 4 जुलाई 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना हुई थी जो 16 नवम्बर 1966 से अपना विधिवत कार्य प्रारंभ किया था।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष का थीम ‘राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका’ रखा गया है जिसके तहत हम सभी आज इस विषय पर परिचर्चा के लिए एकत्र हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज न्यू मीडिया का जमाना है इसका मतलब यह नहीं कि मीडिया के महत्व या विश्वसनीयता कम हुई है। उन्होंने कहा कि मीडिया की विश्वसनीयता जितनी बढ़ेगी लोकतंत्र उतना ही मजबूत होगा। वहीं वरिष्ठ पत्रकार मृत्युंजय पाठक ने कहा कि प्रेस की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीयता से ओतप्रोत होना था। युगल किशोर शुक्ला,राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद,बाल गंगाधर तिलक जैसे सरीखे महापुरुषों ने अखबार निकाला। और अपनी कलम के माध्यम से राष्ट्र निर्माण एवं देश की आजादी में अपनी भूमिका अदा की आजादी के दौरान मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
वरिष्ठ पत्रकार सतीश सुमन ने सभी पत्रकारों को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि न्यू मीडिया के आने से चुनौतियां जरूर बढ़ी है लेकिन मीडिया की विश्वसनीयता कम नहीं हुई है। मीडिया का स्वरूप समय-समय पर बदलता रहा है इसके बावजूद मीडिया की सबसे बड़ी ताकत उसकी विश्वसनीयता ही है। स्वतंत्रता से पहले भारतीय प्रेस ने भारत में राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त करने और सामाजिक तथा धार्मिक सुधार लाने की संभावनाओं का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने न्यू मीडिया के दौर में विश्वसनीयता से कोई समझौता नहीं करने की बातें कही।
वरिष्ठ पत्रकार मनोज ज्वाला ने राष्ट्रहित संवर्धन में प्रेस/मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका बताई।
उन्होंने कहा कि भारत में प्रेस ने जनता को शिक्षित और जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका पर असहमति जताते हुए कहा कि मीडिया दुनिया को राह दिखाने एवं विकसित समाज निर्माण में अनुकरणीय योगदान रहा है।
सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अजित कुमार तिवारी।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण एवं राष्ट्र के विकास में हर तंत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है साथ ही उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस परिचर्चा में उक्त लोगों के अलावा विभिन्न प्रेस मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।