लातेहार चन्दवा वेसरा जांच बताएगा,हाथी, के मृत का कारण।

चंदवा (लातेहार)-हाथी के बच्चे की अकारण मौत लातेहार वन विभाग के गले की फांस बन गई है।हाथी के बच्चे की मौत की खबर मिलते ही डीएफओ रौशन कुमार ने पशु चिकित्सको सहित वन कर्मियों सहित दल बल के साथ चकला पंचायत के भालुआहि जंगल पहुचे।मृत हाथी के बच्चे का मुआयना करने पर पता चला कि शव गल गया है।इसके बाद चिकित्सको ने निर्णय लिया कि मौत का कारण पोस्टमार्टम से पता नही लगाया जा सकता है ,इसलिए वेसरा सैम्पल बना कर जांच के लिए लैब भेजा जाय।तीन डॉक्टरों की टीम ने मृत हाथी के बच्चे से बेसरा सैम्पल तैयार किया।ततपश्चात शव को में ही गाड़ दिया गया। डीएफओ दाल-बल के साथ चंदवा वन कार्यालय आये,औऱ सैम्पल पैकिंग कर जांच के लिए देहरादून और रांची लैब भेजने की तैयारी करने लगे।डीएफओ ने बताया कि हाथी की मौत प्रथम दृष्टया तस्करी के उद्देश्य से किसी तस्कर के द्वारा करने का नही लगता है,मेटल डिटेक्टर से जांच की गई जिससे पता चला कि हाथी के शरीर में गोली नही है।अब बेसरा जाच से ही पता चल पाएगा कि हाथी की मौत कैसे हुई।डीएफओ रौशन कुमार ने हाथी के बच्चे का मृत शरीर गल कैसे गया,गल गया इसका मतलब है कि हाथी के बच्चे की मौत तीन-चार दिन पहले हुआ है।वन विभाग कर्मी जंगल में घूमती,पेट्रोलिंग करती तो मृत हाथी के बच्चे के गले हुए शव के जगह पोस्टमार्टम करने लायक शव बरामद होता,लेकिन ऐसा नही हुआ।
दूसरी ओर डीएफओ का कहना है कि मेरे कर्मी एक महीने से जंगल में पेट्रिलिंग कर जंगली पशुओं पर नजर रखे हुए हैं।हालांकि इस विषय पर पूछने पर काफी भड़क गए,उनका भड़कना जायज है,क्योंकि हाथी का गला हुआ शव जो बरामद हुआ है।पोस्टमार्टम करने वाले पशु चिकितशकों में डॉ अरविन्द मांझी चकला,डॉ राखी टोप्पो सासंग,सुशील बागे बरवाडीह,सहित वनों के क्षेर पदाधिकारी चंदवा राकेश कुमार ,समेत कई वन कर्मी मौजूद थे।