मोदी जी ने अगर रीढ़विहीन केंचुआ व ईवीएम का ग़लत प्रयोग नहीं किया तो भाजपा के आखिरी मुगल साबित होंगे: शत्रुघ्न कुमार शत्रु।

पलामू न्यूज Live//पलामू जिले के मेदिनीनगर में झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने रविवार को एक प्रेस बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों के कार्यकाल में भारतीय लोकतंत्र को लम्पटतंत्र व लाठीतंत्र में बदलने वाली मोदी सरकार ने रीढ़विहीन बना चुके केंचुआ (केंद्रीय चुनाव आयोग) व ईवीएम का कुत्सित प्रयोग नहीं किया तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भाजपा के आखिरी मुगल साबित होंगे। जारी बयान में उन्होंने कहा है कि इस बार चार चरण के मतदान के 48 घंटे के अन्दर फाइनल चुनावी आंकड़े व मत प्रतिशत जारी नहीं कर अधिकतम 11 दिनों बाद तक संदिग्ध आंकड़े व बढ़ा हुआ मत प्रतिशत जारी कर केन्द्रीय चुनाव आयोग ने स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव के उसके दावे की धज्जी उड़ा दी है जिसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम होगी।
बयान में झारखण्ड क्रांति मंच के अध्यक्ष ने कहा है कि अब तक सम्पादित चार चरणों के चुनाव के बाद जारी मतदान के आंकड़ों में लगभग 1.07 करोड़ मतों की वृद्धि वाले आंकड़ों को चुनाव आयोग द्वारा जारी करने की सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस श्री डी०वाई०चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता में सुनवाई व जांच के बाद कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए।
इस संदर्भ में पलामू लोकसभा क्षेत्र के पिछले 13 मई को सम्पन्न हुए चुनाव के बाद राजद समेत अन्य विपक्षी दलों के चुनाव अभिकर्ताओं द्वारा बुथ वाइज पड़े वोट के आंकड़ों को जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा उपलब्ध नहीं कराने पर भी गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए इसे मतदान प्रक्रिया व आंकड़ों की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है।
बयान के अंत में उन्होंने कहा है कि भारत के संसदीय इतिहास में पीएम मोदी ना केवल प्रधानमंत्री पद के लम्पटीकरण के लिए जाने जायेंगे।
बल्कि स्वायत व स्वतंत्र भूमिका वाले संवैधानिक संस्थाओं के प्रमुख पदों पर रिमोट कंट्रोल से चालित दलालों को बैठाकर लाठी से हांकने के लिए भी जाने जायेंगे।
निश्चित रूप से चार चरणों के चुनाव में उनकी सरकार के खिलाफ भारी मतदान कर जनता ने उन्हें आराम करने का जनादेश सुना दिया है, लेकिन लोकतंत्र के हत्यारे मोदीजी अपने द्वारा नियुक्त दलाल चुनाव अधिकारियों के सांठ-गांठ से ईवीएम सेटिंग का पुराना खेल चालू कर दिया है,जो भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीरतम चिंता का विषय है।