रांची में साहेब कांशीराम जी के द्वारा अलग राज्य की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए कभी आदिवासी मेला तो कभी बहुजन समागम की भी शुरुआत की गई थी:सत्रुघ्न कुमार सत्रु।

पलामू न्यूज Live//पलामू जिला अंतर्गत नावाबाजार में झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने आज नावाबाजार प्रखण्ड के रबदा स्थित आवास पर एक प्रेस वार्ता किया। प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि कल 9 मार्च को झारखण्ड आन्दोलनकारी मोर्चा के प्रस्तावित आर्थिक नाकेबंदी का झारखण्ड क्रांति मंच नैतिक समर्थन करता है। साथ ही झारखण्ड के चम्पाई सोरेन सरकार से झारखण्ड आन्दोलनकारी मोर्चा के सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर शीघ्र पूरा करने की मांग भी हम करते हैं। प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि हमने 90 के दशक के शुरू में ही बहुजन छात्र मोर्चा के जिलाध्यक्ष के रुप में काॅलेज के छात्रों के बीच बिहार की औपनिवेशिक संस्कृति के खिलाफ अलग राज्य झारखण्ड की आवाज बुलन्द की थी।
मेरे ही संघर्ष का परिणाम था कि मान्यवर कांशीराम साहेब जी को तत्कालीन दक्षिण बिहार (प्रस्तावित झारखण्ड) की बसपा की कमिटी का गठन करना पड़ा था जिसमें युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष की जवाबदेही मुझे दी गई थी।
प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे ही कहने पर मान्यवर कांशीराम साहेब ने बिहार पूर्नगठन विधेयक के पक्ष में संसद के अन्दर बसपा सांसदों को मतदान कर अलग राज्य बनाने का मार्ग प्रशस्त कराने का कार्य किया था।
रांची में साहेब कांशीराम जी के द्वारा अलग राज्य की मुहिम को आगे बढ़ाते हुए कभी आदिवासी मेला तो कभी बहुजन समागम की भी शुरुआत की गई थी।
प्रेस वार्ता के अंत में उन्होंने कहा कि झारखण्ड आन्दोलनकारी मोर्चा को कुछ खास दलों व संगठनों की मानसिकता से बाहर आकर अन्य दलों द्वारा अलग राज्य के आन्दोलन को स्वीकार करना चाहिए।
प्रायः देखा जा रहा है की कई तरह के प्रभाव में आकर वैसे लोगों को भी आन्दोलनकारी के तौर पर चिन्हित किया जा रहा है जिनकी भूमिका शून्य रही है।