छतरपुर के स्वर्णभूमि कंचनपुर पिछुलिया में तथागत भगवान बुद्ध व परमज्ञानी संत शिरोमणि गुरु रविदास जी की प्रतिमा स्थापना ऐतिहासिक कदम : झारखंड क्रांति मंच।

पलामू न्यूज Live//पलामू जिले के छतरपुर प्रखंड अंतर्गत कंचनपुर पिछुलिया तथागत लाॅर्ड बुद्धा ट्रस्ट छत्तरपुर के तत्वावधान में छत्तरपुर प्रखण्ड के कंचनपुर पिछुलिया ग्राम पंचायत के सर्वाधिक उंच्चाई पर स्थित स्वर्णभूमि के रमणिका नवनिर्माणाधीन बौद्ध मठ के प्रांगण में आज परमज्ञानी संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी के 647 वीं जयन्ती सह प्रतिमा स्थापना समारोह का आयोजन ट्रस्ट के अध्यक्ष डा०बसंत ज्योति की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम का सफल संचालन ट्रस्ट के सचिव शिक्षक रामजन्म राम ने किया कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में सेवानिवृत्त आरक्षी उपाधीक्षक मान्यवर रामलाल राम व मुख्य वक्ता के रुप में झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु व विशिष्ट अतिथि के रुप में झारखण्ड प्रदेश बौद्ध महासभा के अध्यक्ष रामप्रसाद बौद्ध, शिक्षक डा०नरेन्द्र प्रियदर्शी, सेवानिवृत्त शिक्षक रामजी बौद्ध, मुखिया सरस्वती देवी, मुखिया रविन्द्र राम, बसपा नेता सुहैल हक समेत समाज के गण्यमान लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी महाराज की जयन्ती पर भव्य व विशाल शोभायात्रा का नेतृत्व बौद्धाचार्य भन्ते शीलमणि व लाॅर्ड बुद्धा ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों ने किया। इसके बाद मुर्ति स्थापना व जयन्ती समारोह की विधिवत शुरुआत आगंतुक अतिथियों द्वारा फीता काट कर किया गया। तत्पश्चात बौद्धाचार्य भन्ते शीलमणि के निर्देशन में तथागत भगवान बुद्ध व परमज्ञानी संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी की प्रतिमा के समक्ष अतिथियों द्वारा बौद्धिक तरीके से लोकार्पण, दीप प्रज्वलन व पुष्पांजलि अर्पित कर गगनभेदी नारों व पंचशील की प्रक्रियाओं के बीच सम्पादित हुआ। उक्त अवसर पर लोकल गायक धर्मेंद्र कुमार के गीतों में महापुरुषों के समाजिक परिवर्तन के गीतों पर श्रोता झूम उठे। स्थानीय शिक्षक रघु जी के निर्देशन में बालिकाओं के नृत्य, गीत की संगीतमय प्रस्तुति से वातावरण मनमोहक व बौद्धमय बन गया था। इस कार्यक्रम के अध्यक्षीय सम्बोधन में ट्रस्ट के अध्यक्ष डाॅक्टर बसंत ज्योति ने कहा कि इस इलाके के शिखर पर अवस्थित इस स्वर्णभूमि के इस निर्माणाधीन मठ में सात महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। जिसकी शुरुआत आज भगवान बुद्ध व संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी की प्रतिमा स्थापना से हो रही है। वहीं कार्यक्रम में विचार व्यक्त करते हुए बौद्ध महासभा के अध्यक्ष रामप्रसाद बौद्ध, शिक्षक डाॅ नरेन्द्र प्रियदर्शी व रामजी बौद्ध ने संत शिरोमणि जी के विचारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राजतंत्रीय व्यवस्था में मनुवादी भेदभाव के खिलाफ जीवन के कटू संघर्षों से गुजरते हुए संतजी ने जो कीर्तिमान स्थापित किया वह उनके वाणियों व दोहों में आज भी जीवंत है। मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त आरक्षी उपाधीक्षक मान्यवर रामलाल राम ने कहा की मध्यकालीन भारत के संतों, गुरुओं की परंपराओं के महान संत शिरोमणि रैदास जी महाराज का आर्शीवाद हमेशा आप पर बनी रहे। उन्होंने कहा कि संत जी के अध्यात्मिक व समाज सुधारक के विचारों से क्षत्राणी मीराबाई तक ने उनका शिष्य त्वं स्वीकार किया था आज हमें उनके रास्ते पर चलकर सभी बुराईयों से मुक्ति पाने का संकल्प लेना चाहिए। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने उपस्थित जनसमूह को संत शिरोमणि रविदास जयंती समारोह की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संत शिरोमणि के वंशजों ने हमेशा अन्यायी व अत्याचारी सत्ता व व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष किया है। हमारे महापुरुषों ने हमेशा मनुवाद के खिलाफ मानववाद को प्रतिष्ठापित करने में कूर्बानी दी है आज बाबा साहेब के संविधान बचाने की सबसे बड़ी चुनौती हमारे सामने है। कुछ लोग इस संविधान को बदलकर फिर से हमारे पैर में झाड़ू, कमर में घंटी व गले में हंड़िया लटकाने के फिराक में हैं। इस ऐतिहासिक प्रतिमा स्थापना सह जयन्ती समारोह में हम संकल्प लें कि भारतीय संसद में राजतंत्र के प्रतिक सिंगोल स्थापित करनेवाली मनुवादी सत्ता को उखाड़ फेककर भगवान बुद्ध व संत शिरोमणि गुरु रविदास जी के सपनों के भारत की रक्षा करें।

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“ब्यूरो रिपोर्ट पलामू न्यूज Live”

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