राजकीय पॉलिटेक्निक लातेहार में कार्यरत आवश्यकता आधारित व्याख्याता को 8 माह से नहीं मिला मानदेय, लेंगे उच्च न्यायालय का शरण।

पलामू न्यूज Live//झारखंड राज्य के लातेहार जिला में स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक लातेहार में कार्यरत आवश्यकता आधारित व्याख्याता को करीब 8 महीना से मानदेय नहीं दिया जा रहा है जिससे उनके घर परिवार चलाने में परेशानी हो रही हैं। ज्ञातव्य हो कि झारखंड सरकार के आदेशा ज्ञापांक विo प्रo 22/01-02 543 से दिनांक- 10/05/2023 के आलोक में मई 2023 से अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। जबकि मई 2023 से बायोमैट्रिक अटेंडेंस लगवाया जा रहा है उसके बाद भी मानदेय 56100 प्रतिमाह सभी आवश्यकता आधारित व्याख्याताओं को प्रभारी प्राचार्य के द्वारा नहीं दिया जा रहा है। जिस की आवश्यकता आधारित व्याख्याताओं को आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय हो गई है। जिससे लाचार हो कर 20 जनवरी 2024 दिन शनिवार को आवश्यकता आधारित व्याख्याताओं के द्वारा प्रभारी प्राचार्य श्री अजय कुमार मिश्रा को ज्ञापन सौंपा गया है।
सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि कई वर्षों से प्रभारी प्राचार्य द्वारा राजकीय पॉलिटेक्निक लातेहार संस्थान को मनमानी तरीके से चलाते आ रहे हैं। जिससे हम सभी कार्यरत कर्मचारीयों को कई तरह के कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जिसमें सभी NBL को अपने घर का किराया, परिवार के स्वास्थ्य संबंधी खर्च, बच्चों का विद्यालय शुल्क, संस्थान में आने-जाने का खर्चा इत्यादि शामिल हैं।
ज्ञापन के माध्यम से आगे उन्होंने कहा कि खर्च वहन करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है जिससे हमारी पारिवारिक, आर्थिक एवं मानसिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। हम सभी को 8 महीने बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं होना झारखंड सरकार के आदेश जन-उपयोगी कार्य में अवहेलना दर्शाता है।
आगे ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि NBL के नए संकल्प जो कैबिनेट मंत्रीमंडल से पारित हुई है उसमें साफ-साफ लिखा हुआ है की आवश्यकता आधारित व्याख्याताओं को मई 2023 से मानदेय 56100 प्रतिमाह भुगतान देय होगा। लेकिन राजकीय पॉलिटेक्निक लातेहार के प्रभारी प्राचार्य श्री अजय कुमार मिश्रा का कहना है कि मैं आप लोगों को 780 रुपए पर घंटी के आधार पर भुगतान करूंगा।
जबकि प्रभारी प्राचार्य श्री अजय कुमार मिश्रा के द्वारा झारखंड सरकार एवं विभाग के आदेश का अवहेलना किया जा रहा हैं इस लिए ज्ञापन के अंत में उन्होंने कहा कि आवश्यकता आधारित व्याख्याताओं को नया मानदेय 56100 नहीं मिला तो न्यायालय के शरण में जाने को हम सभी तैयार हैं।
मौके पर अमरेश कुमार, मोहम्मद अशफाक अंसारी, आभा केरकेट्टा, मोहम्मद आसिफ अंसारी, बबली कुमारी, अभय कुमार, अंजू कुमारी, ओंकर कुमार, अंजली पांडे, आबिद अंसारी, तनुश्री, अनिल कुमार, जेबा नसीम यादि शामिल थे।