पलामू के राजा मेदिनीराय, शहीद सेनानी नीलाम्बर-पीताम्बर की प्रतिमा तोड़ना एवं लगातार धरना के बावजूद भी प्रतिमा स्थापित नहीं करना आदिवासी पुरखों का अपमान है-शत्रुघ्न कुमार शत्रु।

पलामू न्यूज Live//पलामू जिले के मेदिनीनगर में संविधान बचाओ मोर्चा पलामू प्रमंडल के बैनर तले अनिश्चितकालीन धरना के 19 वें दिन आदिवासी/मूलवासी समाज के अबालवृद्ध आन्दोलन कारियों व प्रदर्शनकारियों ने हजारों की संख्या में पलामू के परम प्रतापी व यशस्वी राजा मेदिनीराय व अमर बलिदानी पुरखे निलाम्बर-पिताम्बर जी की आदमकद प्रतिमा समाहरणालय प्रांगण में लगाने की मांग को लेकर मेदिनीनगर अम्बेडकर पार्क स्थित परमपूज्य बोधिसत्व बाबा साहेब डॉ भीमराव आंबेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए मेदिनीनगर मुख्य समाहरणालय गेट के समक्ष आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन व प्रतिवाद सभा किया। सभा की अध्यक्षता समाजिक न्याय परिषद के अध्यक्ष रवि पाल ने किया सभा में पलामू जिला प्रमुख संघ की अध्यक्ष गीता देवी, झारखण्ड बौद्ध महिला महासभा के अध्यक्ष सुषमा बौद्ध, जन संग्राम मोर्चा के गढ़वा प्रभारी अशोक पाल, केन्द्रीय अध्यक्ष युगल पाल, फूलन देवी विचार मंच के अध्यक्ष शैलेश चन्द्रवंशी, आदिवासी महासभा के केन्द्रीय अध्यक्ष जय प्रकाश मिंज, सुनिल किस्पोट्टा, अवधेश सिंह चेरो, हुल झारखण्ड क्रांति दल के चन्द्रधन मेहता।
भीम आर्मी के जिला सचिव अनुराग भारती, राज्य सचिव रामकुमार रवि, मुख्य महासचिव नागमणि रजक, प्रदेश अध्यक्ष संजय रविराज, भाकपा माले के ललन प्रजापति, कमलेश सिंह चेरो, अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासभा के केन्द्रीय अध्यक्ष आर०पी०रंजन, पूर्व सांसद राजद नेता कामेश्वर बैठा ने पलामू जिला प्रशासन की मुर्ति पर बुलडोजर चलवाने की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा की बिना विलम्ब किए प्रशासन को स्थान तय कर आदमकद प्रतिमा शीघ्र लगवा देनी चाहिए अन्यथा 20 जनवरी के बाद फिर जनता तीनों महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित कर देगी।
सभा में विचार व्यक्त करते हुए झारखण्ड क्रांति मंच के केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने कहा कि पलामू का जिला प्रशासन बहरा, भोथर, थेथर, बेहया व बेशर्म बन गया है। लगातार 19 वें दिन धरना के बावजूद आज तक सदर एसडीओ मेदिनीनगर ने कोई दण्डाधिकारी नियुक्त नहीं किया जो आन्दोलन कारियों से उचित वार्ता कर समाधान निकाल सके।उल्टे सदर सीओ के द्वारा बे-सिर-पैर की प्राथमिकी दर्ज कर दी गई जो निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि अगर हेमन्त राज में भी आदिवासी/मूलवासी महापुरुषों की प्रतिमाओं का अपमान होता रहेगा तो ऐसा अबूआ राज हमें नहीं चाहिए। हम माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन जी से स्वयं इस मामले में हस्तक्षेप कर उचित स्थान पर प्रतिमा स्थापित करवाने की मांग करते हैं।
ज्ञातव्य है कि प्रदर्शन के बाद मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता के क्रम में उपायुक्त पलामू ने शहर के पांच स्थानों का नाम देने की बात कही है लेकिन आन्दोलनकारी मुर्ति लगाने तक जमें रहेंगे।