पांकी विधायक अगर सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड जैसे मामले में निर्दोष हैं तो उन्हें अपने उपर CBI द्वारा जांच करा कर निर्दोष साबित कर देना चाहिए-बिट्टू सिंह।

पलामू न्यूज Live// झारखंड के राजधानी रांची चुटिया स्थित ऑक्सफोर्ड स्कूल के तत्कालीन वार्डन सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड मामले में बरी हो चुके पांकी विधायक डॉ शशिभूषण मेहता सहित 6 लोगों को झारखंड हाई कोर्ट की ओर से नोटिस जारी किया गया है। ज्ञातव्य हो कि 11 मई 2012 को हुए चर्चित ऑक्सफोर्ड स्कूल की वार्डन सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड मामले में रांची सिविल कोर्ट 2019 में आरोपी शशिभूषण मेहता, राजनाथ सिंह, प्रदीप कुमार पासवान, धर्मेंद्र कुमार ठाकुर, अनूप सिंह एवं सत्य प्रकाश को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया था। वहीं पांकी विधानसभा के पूर्व विधायक देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टू सिंह का एक बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि पांकी विधायक को अपने विधानसभा में धर्म और जाति के नाम पर गंदी राजनीति करने से बचने तथा जनता को विभिन्न मुद्दों से भटका कर सनातन का चोला पहनकर केवल लोगों में आपसी मतभेद न बढ़ाने की सलाह दिया है।
साथ ही उन्होंने कहा की हर छोटे बड़े मुद्दे पर सीबीआई जांच की मांग करने वाले विधायक डॉक्टर शशिभूषण मेहता अगर सुचित्रा मिश्रा हत्याकांड जैसे बड़े मामले में निर्दोष हैं तो उन्हें अपने ऊपर लगे इस आरोप को CBI द्वारा जांच करा कर अपने आप को निर्दोष साबित कर देना चाहिए।
मुख्य बात तो ये है कि मिश्रा परिवार के द्वारा बार-बार DNA टेस्ट करने के अनुरोध पर DNA टेस्ट करा कर मामले को जनता के बीच स्पष्ट कर देना चाहिए लेकिन अगर वह डीएनए टेस्ट से बचते रहेंगे और पैसे और पहुंच कर बदौलत मामले को दबाते रहेंगे।
तो न सिर्फ डॉक्टर मेहता अपितु भाजपा जो अपने सदस्यों से लेकर नेताओं तक का भ्रष्ट या अपराधी न होने का दावा करती है उसकी पोल खुल जाएगी क्योंकि जनता को ज्यादा दिन तक अंधेरे में नहीं रखा जा सकता है।
पूर्व विधायक ने कहा कि जिस सनातन धर्म का हितैषी होने की वह बात करते हैं उसी सनातन धर्म में ब्राह्मणों को देवता का रूप माना जाता है तथा उनसे ही समस्त संस्कार करवाया जाते हैं और अगर इन्होंने सचमुच ब्राह्मण की हत्या कराई है तो इस ब्रह्म हत्या से इन्हें कोई नहीं बचा सकता और इसका अभिशाप उन्हें जरूर लगेगा।
पांकी विधानसभा के लोग इनके धर्म को अब तक स्पष्ट रूप से समझ ही नहीं पाए हैं क्योंकि ये कभी भी अपनी जरूरत के हिसाब से अपना धर्म बदल लेते हैं अब इनका पाखंड ज्यादा दिनों तक चलने वाला नहीं है जनता समझ चुकी है।
बतादें कि झारखंड हाई कोर्ट इस मामले में 29 नवंबर को सुनवाई करेगी निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली गोविंद मिश्रा की याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यह निर्देश दिया है।