संत मरियम स्कूल मेदिनीनगर में धूम-धाम से मनाया गया कृष्ण जन्म अष्टमी, कर्म व ज्ञान के निःस्वार्थी सिद्धांतकार थे भगवान श्री कृष्ण-अविनाश देव।

पलामू न्यूज Live//जब जब धरती पर ज़ुल्म बढ़ा तब तब कोई न कोई अवतार लिया।द्वापर में कंस, कालिया का आतंक बढ़ा तो कृष्ण जन्मे। कर्मकांडियों के बर्चस्व को ध्वस्त करने के लिए तथागत बुद्ध पैदा लिए। अंग्रेजों के गुलामी से मुक्ति के लिए भगतसिंह, महात्मा गांधी जैसे महापुरुष पैदा लिए। आज कृष्ण जन्माष्टमी है हर जगह बड़े हीं धूम-धाम के साथ नटखट नंदलाल कृष्ण कन्हैया का जन्म महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। वहीं संत मरियम आवासीय विद्यालय मेदिनीनगर के बच्चों ने अपने बचपन को ताज़ा करने के लिए कृष्ण के बालपन के चोरी सीनाजोरी को अपने साथियों के साथ सदृश्य पेश कार्यक्रम के माध्यम से किया जिसमें मटका फोड़ कार्यक्रम ख़ास रहा। बच्चों ने तिलक लगाकर कार्यक्रम की शुरूआत की और वक्तव्य के लिए संत मरियम स्कूल के चेयरमैन अविनाश देव को मंच पर आमंत्रित किया।
अपने संबोधन में अविनाश देव ने कहा की सदियों से ऐसी मान्यता है कि कन्हैया जिस घर में अपने ग्वाल बाल के साथ सिकहर पर रखा माखन के मटका फोड़ कर खाया वह घर धन्य धान्य सुख सम्पन्न हो गया इसी परम्परा को मटका फोड़ के रूप में मनाते हैं। जिस घर में माखन के मटका पहुंच से दूर होता था वहां अपने ग्वाल बाल के साथ पिरामिड बना कर चढ़ते माखन खाते और अपने बचपना के शरारती से बाज नहीं आते।
असल जिन्दगी में इन्हें योगेश्वर कहा गया है ये काम वासना से परे थे जो बिना फल के चिंता किये वग़ैर कर्म करने को कहामहाभारत के दौरान कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को आगे कर के गीता का ज्ञान दिए जिसका मुरीद पूरी दुनिया है। तनाव मुक्त मुस्कुराते हुए अपने कुशाग्र बुद्धि के बल पर पूरी महाभारत को जीता अपनी पूरी ज़िंदगी मानवता व विश्वकल्याण के लिए संघर्ष में लगाए रखे।
अंत में जब कृष्ण द्वारिका जाने लगे तो पीछे मुड़ कर देखे तक नहीं इसीलिए काम क्रोध मद लोभ मोह से ऊपर के चीज थे। साथ हीं उन्होंने कहा कि संत मरियम विद्यालय के तमाम विद्यार्थियों से कहना है भगवान श्रीकृष्ण की एक-एक लीला के पीछे मानव जीवन को बेहतर बनाने का मक़सद छुपा है।
ये एक अच्छे शिक्षक बेटा मित्र समाजसेवी अर्थशास्त्री दार्शनिक सिद्धांतकार रणनीतिकार थे जो पूरे जीवन ब्रह्मचर्य को पालन करते अपने विराट रूप को दिखाए। वहीं श्री देव ने कहा की ये सब मरे हुए है जब आप तन कर खड़े हो जाएंगे तो कोई भी आसुरी शक्ति टिक नहीं पायेगा और आप सफ़ल हो जयेंगे।
आज के संदर्भ में कहें तो आपको भी देश के लिए लोकतंत्र के लिए संविधान के लिए शिक्षा चिकित्सा के लिए प्रेम भाईचारा के लिए न्याय के लिए खड़ा होना होगा तभी हमारा राष्ट्र बच पायेगा। मौके पर स्कूल के सभी शिक्षक मौजूद थे।